नई दिल्ली: आपने शादी के मौके पर होने वाली फायरिंग भी देखी होगी और फायरिंग में होने वाली मौतें भी. लेकिन सोशल मीडिया पर शादी के मौके पर एक ऐसी फायरिंग का वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आप भौंचक्के रह जाएंगे.

बड़ा सवाल ये है कि धुआंधार फायरिंग में ना तो किसी को डर लग रहा है और ना ही गोली. चलिए इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं

गोली चलाना बच्चों का खेल नहीं है. ऐसी मिसाल आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन वॉट्सऐप पर घूम रहे एक वीडियो ने ऐसी हर मिसाल का धुआं कर दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो कहावत की धज्जियां इसलिए उड़ा रहा है, क्योंकि हमारे देश में जब एक साध्वी शादी के जश्न में फायरिंग करती है तो मौत की खबर आती है.

हमारे देश में हर्ष फायरिंग में चली एक गोली कुछ ही सेकेंड के भीतर जश्न की जगह मातम मचा देती है, लेकिन यहां चंद सेकेंड के भीतर सैकड़ों फायर हो रहे हैं, लेकिन किसी का बाल तक बांका नहीं हो रहा.

बाल क्यों नहीं बांका हो रहा ? किसी को डर क्यों नहीं लग रहा? यहां गोली चलाना बच्चों का खेल क्यों है?

वीडियो में दिखाया गया है कि शादी के मौकों पर दिखने वाली बिल्कुल सजी धजी एक गाड़ी दरवाजे पर खड़ी है और धड़ाधड़ गोलियां चलाई जा रही हैं. एक आदमी दो-दो बंदूके लेकर ऐसे गोलियां चला रहा है, मानों जमीन को छेद डालना चाहता हो. थोड़ी देर में दरवाजे के आगे से गाड़ी तो चली जाती है. लेकिन, बंदूकों के साथ गोलियां बरसाने का खेल शुरू हो जाता है.

कोई बंदूक वैसे नहीं पकड़ता जैसे पकड़ी जाती है. बंदूक को रस्सी की तरह नचाकर-नचाकर चलाया जा रहा है, ना तो बंदूक चलाने वालों को कोई खौफ है और ना ही वहां मौजूद लोगों को किसी तरह के जोखिम का डर.

इन तस्वीरों को देखकर लगता है कि बंदूक से गोली नहीं पटाखे छूट रहे हैं. और थोड़ा डर तो पटाखे छूटने पर भी होता है, लेकिन यहां गोलियों के बीच बेफिक्री का आलम ये है कि गोलियां नहीं फुलझड़ियां हैं.

दो मिनट का ये वायरल वीडियो आगे बढ़ता है तो लड़कियां और बच्चे भी बंदूक से गोलियों का कारनामा करते दिखाई देते हैं. कुछ सेकेंड तक तो अंदाजा लगाना ही मुश्किल होता है कि गोली किस तरफ चलने वाली है.

दो मिनट का ये वीडियो अपने साथ कई सवाल छोड़ जाता है. ये कौन सी जगह है जहां गोलियां चलाना बच्चों का खेल है ? क्या इस तरह गोली चलाने की कोई ट्रेनिंग ली या दी जाती है. यहां गोली चलाने वालों को कोई डर क्यों नहीं लगता ?

इन सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल शुरू की.

हमने सबसे पहले इस वीडियो के बारे में इंटरनेट पर तहकीकात की. जांच में पता चला कि ये वीडियो उत्तरी अफ्रीका में अल्जीरिया देश का है. जहां जश्न के मौके पर इस तरह से फायरिंग की जाती है. लेकिन, ये फायरिंग इतनी बेखौफ क्यों होती है इसका पता लगाना जरूरी था.

वीडियो का सच जानने के लिए हम दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी और अब आपराधिक मामलों के वकील एलएन राव के पास पहुंचे. हमने उन्हें वीडियो दिखाया और उसका सच समझने की कोशिश की. हमारे एक्सपर्ट ने सबसे पहले फायरिंग में इतना ज्यादा धुआं उठने पर सवाल उठाया कि ये गोली है ही नहीं.

आप सोच रहे होंगे कि अगर ये गोली है नहीं तो क्या है. दरअसल जिस तरह की बंदूक से वीडियो में फायरिंग की जा रही है उसे दुनाली यानि डबर बैरल बंदूक कहते हैं. दुनाली बंदूक 12 बोर की होती है. बोर यानि बंदूक का गोल हिस्सा, जहां से बुलेट डाली जाती है. बोर का जो डायमीटर होता है उतनी ही बड़ी या यू कहें मोटी और गोल गोली होती है.

इस गोली में लोहे की कील और छर्रे होते हैं जो गोली को ठोस बनाती है. बंदूक से जब फायर होता है तो ये गोली रॉकेट की रफ्तार से निकलती है और शरीर को चीरते हुए निकल जाती है ये छर्रे शरीर में घुस जाते हैं.

अब समझिए कि वीडियो में क्या हो रहा है-

इस वीडियो में बुलेट आनि गोली तो है लेकिन उसमें छर्रे नहीं है. उसमें गन पाउडर और कागज का मिश्रण है, इसलिए जब फायर होता है तो कुछ पटाखे की तरह फूटता है, लेकिन कहीं कुछ छेद कर दे ऐसा नहीं होता.

हमने सबसे पहले इस वीडियो के बारे में इंटरनेट पर तहकीकात की. जांच में पता चला कि ये वीडियो उत्तरी अफ्रीका में अल्जीरिया देश का है. जहां जश्न के मौके पर इस तरह से फायरिंग की जाती है. लेकिन ये फायरिंग इतनी बेखौफ क्यों होती है इसका पता लगाना जरूरी था.

वीडियो का सच जानने के लिए हम दिल्ली पुलिस के पूर्व डीसीपी और अब आपराधिक मामलों के वकील एलएन राव के पास पहुंचे. हमने उन्हें वीडियो दिखाया और उसका सच समझने की कोशिश की. हमारे एक्सपर्ट ने सबसे पहले फायरिंग में इतना ज्यादा धुआं उठने पर सवाल उठाया कि ये गोली है ही नहीं.

आप सोच रहे होंगे कि अगर ये गोली है नहीं तो क्या है. दरअसल जिस तरह की बंदूक से वीडियो में फायरिंग की जा रही है उसे दुनाली यानि डबर बैरल बंदूक कहते हैं.

दुनाली बंदूक 12 बोर की होती है. बोर यानि बंदूक का गोल हिस्सा, जहां से बुलेट डाली जाती है. बोर का जो डायमीटर होता है उतनी ही बड़ी या यू कहें मोटी और गोल गोली होती है.

इस गोली में लोहे की कील और छर्रे होते हैं जो गोली को ठोस बनाती है. बंदूक से जब फायर होता है तो ये गोली रॉकेट की रफ्तार से निकलती है और शरीर को चीरते हुए निकल जाती है. ये छर्रे शरीर में घुस जाते हैं.

अब समझिए कि वीडियो में क्या हो रहा है

इस वीडियो में बुलेट आनि गोली तो है लेकिन उसमें छर्रे नहीं है. उसमें गन पाउडर और कागज का मिश्रण है, इसलिए जब फायर होता है तो कुछ पटाखे की तरह फूटता है, लेकिन कहीं कुछ छेद कर दे ऐसा नहीं होता.

वीडियो में नजर आ रहे बुलेट नहीं कारट्रिज है. बुलेट पूरी लोहे की होती है. कारट्रिंज के आगे गन पाउडर लगा दिया जाए तो ऐसी आग और धुंआ निकलेगा. ये डबल बैरेल गन है, क्योंकि किसी भी वीडियो में दो से ज्यादा बार नहीं हो रहा है.

इसलिए इस वीडियो में कारतूस के आगे के हिस्से में बुलेट पाउडर और कागज का मिश्रण लगाया गया है, ऐसी बुलेट से फायरिंग करने पर आगे के हिस्से से बहुत ज्यादा धुआं और रोशनी निकलती है. नॉर्मल बुलेट की तरह धातु नहीं निकलती.

शादी फंक्शन में ऐसे कारतूस लोग एंटरटेनमेंट के लिए इस्तेमाल करते है और इसीलिए जब ऐसी राइफल से फायरिंग की जाती है तो ना तो देखने वालों के चेहरों पर खौफ दिखता है और ना गोली चलाने वालों के चेहरे पर.

एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा ये वीडियो सच साबित हुआ है.