नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर ट्रैफिक पुलिस की पिटाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है. दावा है कि ट्रैफिक पुलिस ने चालान काटने की कोशिश की तो दोनों को बुरी तरह पीटा गया लेकिन चुनाव के माहौल में इसे सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया जा रहा है. वीडियो इस नाम पर शेयर हो रहा है कि मुसलमानों ने पीटा और हिंदुओं ने बचाया.
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52 सेकेंड के वायरल वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि ट्रैफिक पुलिस को अपनी ड्यूटी निभाते की कीमत लात घूंसों से चुकानी पड़ी है. दावा है कि आम जनता को कानून सिखाने की कीमत उन्हें पिटकर देनी पड़ी है.
इस वीडियो के साथ एक मैसेज भी है जिसमें लिखा है-
‘’ये हाल है पुलिस का हिन्दुस्तान में, मुसलमान का चालान काटने पर मुस्लिमों ने दौड़ा दौड़ा कर मारा. आखिर उनको बचाने के लिये वहां मौजूद दो चार हिन्दुओं ने ही हाथ जोड़े ! जब इन्होंने कानून के रखवालों की ये हालत कर दी तो आम हिन्दुओं का क्या हाल होता होगा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में.’’
इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर पेश किया जा रहा है. ये वीडियो हम तक भी पहुंचा और हमने दावे की सच्चाई पता लगाने की कोशिश की. वीडियो शुरू होता है तो सिर पर टोपी पहने दो युवक एक ट्रैफिक पुलिसवाले की पिटाई करते दिखते हैं. कुछ लोग पिट रहे शख्स का बीच-बचाव कर रहे हैं.
8 सेकेंड बाद पीट रहे लोग एक दूसरे शख्स को पीटने के लिए आगे बढ़ते हैं. पीछे से एक आवाज आती है कि इसने कुछ नहीं किया. ये लोग फिर से पहले वाले ट्रैफिक पुलिस के पीटना शुरु कर देते हैं. उसे बीच सड़क पर गिराकर लात- घूसों से पीटा जाता है.
वीडियो में बीच सड़क पर पिट रहा पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर सड़क के दूसरी तरफ जाता है, लेकिन पीटने वाले लोग उसका पीछा करते हैं. उसी वक्त भीड़ में मौजूद कुछ लोग मारपिटाई कर रहे लोगों से पुलिसवाले को छोड़ने की गुजारिश करते हैं.
मामला ट्रैफिक पुलिस की पिटाई का था और दावा था कि ये दिल्ली में हुआ है तो हमने दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और पूछा कि क्या ऐसा कोई मामला सामने आया है ?
पड़ताल में पता चला कि वीडियो डेढ़ साल पहले 13 जुलाई 2015 का है और नार्थ ईस्ट दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके का है. इस बीच हमने एबीपी न्यूज की लाइब्रेरी में इस वीडियो को ढूंढना शुरू किया. लाइब्रेरी में हमें वो वीडियो मिला जो दो साल बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पड़ताल में पता चला कि उस दिन बाइक पर बिना हेलमेट के सवार तीन लोगों को ट्रैफिक पुलिस ने रोका था. ड्यूटी पर हेड कांस्टेबल जय भगवान और कांस्टेबल मनोज तैनात थे. रोकने पर तीनों लोग धौंस दिखाने लगे और अपने साथियों को बुलाकर पुलिसवालों पर हमला बोल दिया.
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी सागिर अहमद और उसके दोनों बेटों शाहनवाज और आमिर को गिरफ्तार कर लिया था.
पड़ताल में सामने आया है कि वायरल वीडियो सच है. ट्रैफिक पुलिस ने कानून सिखाया तो उन पर हाथ उठाया गया, लेकिन इसे जिस तरह से हिंदू मुस्लिम रंग चढ़ाकर पेश किया जा रहा है वो गलत है. क्योंकि यह सिर्फ एक घटना है. इसे धर्म से जोड़ना सही नहीं है. इसलिए वायरल मैसेज झूठा है.