नई दिल्ली: क्या नोटबंदी के इस माहौल में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पाकिस्तान साजिश करने में जुट गया है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान चार एप्स के जरिए भारत में मोबाइल में घुसकर जासूसी कर रहा है. क्या आपको खबर लगे बिना आपके मोबाइल में जासूस घुस चुके हैं? एबीपी न्यूज़ सोशल मीडिया के इसी दावे की पड़ताल की है.

अगर आप भी मोबाइल में एप डाउनलोड करने के शौकीन हैं तो इस खबर की पड़ताल और इसका सच जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि दावा है कि वो चार एप अगर आपके फोन में हैं तो आप कंगाल तक हो सकते हैं.

वायरल रहो रहे मैसेज में दावा है कि नोटबंदी में पाकिस्तान ने देश के खिलाफ एक साजिश रची है. देश की जासूसी करने की साजिश. वो साजिश क्या है और कैसे रची गई वो जानने के लिए आप देखिए वायरल हो रहे मैसेज में क्या लिखा है

वायरल मैसेज में सबसे ऊपर लिखा है, ''अपने स्मार्टफोन से तुरंत हटा दें ये 4 एप्स. सरकार ने जारी की है चेतावनी.''

दावा है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एक अलर्ट जारी किया है. मंत्रालय का कहना है कि अगर आप खास चार एप्स टॉप गन गेम एप, एमपीजंक (म्यूजिक एप), बीडीजुंकी (वीडियोएप) और टॉकिंग फ्रॉग (एंटरटेनमेंट एप) का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे तुरंत हटाइए. इन चारों एप को तुरंत डिलीट करने का फरमान जारी किया गया है. दरअसल पाकिस्तानी एजेंसियां भारत में मोबाइल एप में मालवेयर वायरस भेजकर जासूसी कर रही हैं. गृह मंत्रालय को इस जानकारी की पुख्ता रिपोर्ट मिलते ही देश के सभी सुरक्षा बलों और राज्यों की खुफिया एजेंसियों को पत्र लिखकर विशेष मोबाइल एप डाउनलोड नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं

इतना ही नहीं आगे दावा ये भी है कि पूर्व सैनिकों को नौकरी के नाम पर या फिर आर्थिक सहायता का लालच देकर जासूसी करवाने के देशभर में सात मामले सामने आ चुके हैं. इसे लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. दावा है कि गृह मंत्रालय के मुताबिक इन एप में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी वायरल भेजकर जानकारियां हासिल कर रही है.

ये दावा अगर सच है तो बेहद खतरनाक है. एबीपी न्यूज ने सच जानने के लिए वायरल मैसेज की पड़ताल की. एप के जरिए जासूसी की साजिश हो चुकी है और हो सकती है ये दोनों ही बातें हमारी पड़ताल में साफ हो चुकी थीं. अब पता ये करना था कि गृहमंत्रालय ने ऐसा अलर्ट जारी किया है या नहीं.

हमारी पड़ताल में पता चला कि गृहमंत्रालय ने मंगलवार को 4 ऐप्स को लेकर अलर्ट जारी किया था और कहा था कि मोबाइल से इन्हें डिलीट कर दिया जाए. क्योंकि शक है इन एप्स का इस्तेमाल जासूसी करने में किया जा रहा था. गृह मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI इन ऐप में वायरस भेजकर आपके मोबाइल की जानकारियां हासिल कर रही है

इतना ही नहीं पाकिस्तानी हैकर्स इन ऐप के जरिए आपकी मोबाइल बैंकिंग में भी सेंध लगा सकते हैं मतलब आप अपने अकाउंट का जो लेन-देन मोबाइल से करते उसे हैक करके आपके पैसों पर चपत लगा सकते हैं. जासूसी के शक वाले इन एप का पता किसी को नहीं चलता अगर नीति आयोग के प्रेजेंटेशन में उस दिन सवाल ना उठे होते. ऐप का पता कैसे चला वो कहानी भी जान लीजिए

प्रधानमंत्री मोदी ने जब देश को कैशलेस की तरफ जाने को कहा उसके बाद नीति आयोग ने एक प्रेजेंटेशन दिया था. इस प्रेजेंटेशन में मौजूद कुछ बड़े अधिकारियों ने सवाल उठाए थे. सवाल ये कि मोबाइल से पेमेंट करने में अगर अकाउंट हैक हुआ तो उसकी भरपाई कौन करेगा. कैसे पता चलेगा कि कौन से एप सुरक्षित हैं?

इन सवालों के बाद आईबी यानि इंटेलिजेंस ब्यूरो से जानकारी मांगी गई. आईबी ने अपनी रिपोर्ट में इन चार एप का नाम बताया. जिसके बाद गृह मंत्रालय ने चारों एप्स को तुरंत डिलीट करने का एलर्ट जारी किया. एक साइबर डेस्क बनाया गया है जो लगातार हैकिंग और जासूसी जैसे हथकंडों को रोकने के लिए नजर बनाए हुए है.

कैशलेस होना आपकी सुविधा के लिए है लेकिन सुविधा के लिए लापरवाही से बचिएगा. इसलिए अगली बार कोई एप डाउनलोड करिएगा तो बताई गई बातों को जरूर ध्यान में रखिएगा. एबीपी न्यूज की पड़ताल में पाकिस्तानी एप के जरिए आपके नोट की जासूसी वाला दावा सच साबित हुआ है.