नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है. एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दावा है कि रामनवमी के जुलूस में मस्जिद को ना सिर्फ सफेद कपड़े से ढक दिया गया बल्कि मस्जिद पर श्रीराम का पोस्टर भी लगाया गया.
तस्वीर के साथ वायरल मैसेज में लिखा है, ''हैदराबाद में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने हिंदू नव वर्ष के मौके पर रामनवमी पर शोभायात्रा निकलने के पहले मस्जिद को सफेद कपड़े से ढक दिया और उसके ऊपर श्रीराम का बैनर लगाया. जय-जय श्रीराम! ये होती है ताकत.''
सच की तलाश में एबीपी न्यूज की टीम ने हैदराबाद में पड़ताल शुरू की. दावे के मुताबिक वायरल तस्वीर 25 मार्च की है लेकिन दो दिन बाद जब हमारी टीम पड़ताल के लिए वहां पहुंची तो मस्जिद पर कोई सफेद कपड़ा नजर नहीं आया.
पड़ताल में एक दिन पहले की तस्वीर मिली जिसमें मस्जिद वाकई सफेद कपड़े से ढकी हुई थी. मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद अब्दुल कयूम नोमानी ने बताया, ''ये पर्दा कई सालों से त्योहार के मौके पर सिटी पुलिस लगवाती है. पर्दा लगाने के पीछे वजह ये है कि हिंदू भाई गुलाल इस्तेमाल करते हैं और गुलाल के जरिए खुशी का इजहार करते हैं. मस्जिद की दीवार पर गुलाल ना पड़े इसलिए पर्दा लगवाया जाता है. सिटी पुलिस बड़े पर्दे का इंतजाम करवाती है और मस्जिद को पर्दे से ढक दिया जाता है.
यानि मस्जिद को ढका जरूर जाता है लेकिन ये हिंदुओं की ताकत बताने के लिए नहीं बल्कि आपसी सौहार्द और दोनों धर्मों की भावनाओं का ख्याल रखने के लिए किया जाता है.
दूसरा सवाल, अगर मस्जिद को गुलाल से बचाने के लिए सफेद कपड़े से ढका गया तो फिर वायरल तस्वीर में मस्जिद पर दिख रहे श्रीराम के पोस्टर की सच्चाई क्या है? पड़ताल में रामनवमी जुलूस की दूसरी तस्वीरें मिलीं जहां भीड़ का हुजूम जय श्री राम के नारे लगाते हुए गुजर रहा था. गाड़ी पर भगवा चोला पहने सिर पर टोपी लगाए और हाथ में माइक लिए खुद गोशमहल से बीजेपी विधायक टाइगर राजा सिंह मौजूद थे.
वायरल तस्वीर और पड़ताल में मिली दूसरी तस्वीर को गौर से देखने पर पता चला कि पोस्टर मस्जिद से करीब 100 मीटर दूर होगा लेकिन तस्वीर इस एंगल से ली गई है जिसे देखकर लग रहा है कि पोस्टर मस्जिद पर ही लगाया गया है. एबीपी न्यूज ने बीजेपी विधायक टी राजा से इस तस्वीर पर बात की तो उन्होंने भी इसे खारिज करते हुए लोगों से अपील की कि बिना तथ्यों को चेक किए ऐसी बातों पर भरोसा ना करें.
हैदराबाद में शांतपूर्ण तरीके से रामनवमी का जुलूस निकला था. इसलिए हमारी पड़ताल में रामनवमी के लिए मस्जिद पर श्री राम का पोस्टर लहराने का दावा झूठा साबित हुआ है.