फरीदाबाद: कानपुर के बिकरू में पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी कर आठ पुलिस कर्मियों की जान लेने के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे अब भी फरार है. उसकी तलाशी के लिए लगातार पुलिस छापा मार रही है. विकास दुबे फरीदाबाद में छिपा था लेकिन पुलिस की छापेमारी से पहले ही वह, वहां से भाग निकला.
विकास दुबे के सहयोगी को हुआ कोरोना इस बीच, विकास के मुख्य सहयोगी कार्तिकेय और अन्य आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा. कार्तिकेय उर्फ प्रभात के पास से 4 पिस्टल और 44 कारतूस बरामद किए गए हैं. मुठभेड़ के सिलसिले में फरीदाबाद में गिरफ्तार किए गए विकास दुबे के तीन सहयोगियों में से एक श्रवण के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.
दरअसल सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार, किसी भी आरोपी को गिरफ्तारी के बाद अदालत में पेश करने से पहले उसकी कोविड-19 जांच करायी जाती है.
श्रवण के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद जेल प्रशासन को इसकी सूचना दे दी गई है और वहां इस संबंध में सरकार के निर्देशों का पूरा-पूरा पालन किया जा रहा है.
गौरतलब है कि कानपुर में पिछले सप्ताह हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. विकास दुबे इस कांड का मुख्य आरोपी है जिस पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है. उत्तर प्रदेश पुलिस को दिल्ली के निकट फरीदाबाद में दुबे की मौजूदगी का सुराग मिला था.
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार की शाम, अपराध शाखा, फरीदाबाद को गुप्त सूचना मिली कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे के कुछ सहयोगी हथियार सहित नहर पार एरिया के हरि नगर स्थित न्यू इंदिरा नगर कॉम्प्लेक्स में छिपे हैं.
उन्होंने बताया कि पुलिस कमिश्रर ओ.पी. सिंह ने डीसीपी (अपराध) मकसूद अहमद को आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए. अहमद की अगुवाई में एसीपी (अपराध) अनिल यादव ने तीन टीमों के साथ नहर पार एरिया में छापेमारी की.
सूत्रों के अनुसार, छापे के दौरान छिपे बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी कर भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. गिरफ्तार आरोपी कार्तिकेय उर्फ प्रभात, अंकुर और श्रवण हैं.
डीसीपी (अपराध) मकसूद अहमद ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ पुलिस पर गोलीबारी करने, अवैध हथियार रखने सहित आईपीसी की संबंधित धाराओं के अंतर्गत थाना खेड़ी पुल में मुकदमा दर्ज किया गया.
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अपराधी प्रभात उर्फ कार्तिकेय को आरोपी अंकुर और उसके पिता श्रवण ने अपने घर में पनाह दी थी. पूछताछ में कार्तिकेय ने बताया कि उसने और कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने, विकास की रिश्तेदार शांति मिश्रा के घर में पनाह ली थी.
सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे पुलिस के आने से कुछ घंटे पहले फरार हो गया था. प्रभात उर्फ कार्तिकेय ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह विकास दुबे के साथ बिखरू गांव में पुलिस पर गोलीबारी करने में शामिल था.
उनके अनुसार, आरोपी प्रभात उर्फ कार्तिकेय ने बताया कि विकास दुबे और उसने पुलिस पर हमला किया और घायल पुलिस वालों की दो पिस्टल तथा कारतूस छीन कर फरार हो गए थे.
सूत्रों ने बताया कि प्रभात उर्फ कार्तिकेय के अनुसार, फरार होने के बाद दो दिन तक वे लोग दो दिन तक दोस्त के घर शिवली (उप्र) में रहे थे. उसने पुलिस पर हमला करने वाले एक अन्य मुख्य आरोपी अमर दुबे के, उप्र के हमीरपुर में होने की जानकारी भी दी.
उन्होंने बताया कि श्रवण और अंकुर पिता-पुत्र हैं और उनके खिलाफ खेरी पुल थाने में मामला दर्ज किया गया है. दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर , बदमाशों को आश्रय देने के आरोप में जेल भेज दिया गया है. विकास दुबे के मुख्य सहयोगी, आरोपी कार्तिकेय को अदालत ने उप्र पुलिस की मांग पर ट्रांजिट रिमांड पर उप्र एसटीएफ के सुपुर्द किया है.
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपी के कब्जे से उप्र पुलिसकर्मियों से छीनी हुई 2 पिस्टल 9एमएम और 2 देसी पिस्टल 9एमएम सहित 44 कारतूस, एक खाली खोल, एक पिट्ठू बैग और 3000 रुपये बरामद हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि विकास दुबे गत दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने संबंधी मामले का मुख्य आरोपी है. उस पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित है. वह अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है.
सूत्रों के अनुसार, कई मामलों में वांछित विकास दुबे पांच जुलाई को ही फरीदाबाद पहुंच गया था. वह पहले न्यू इंदिरा नगर कॉम्प्लेक्स में अपने रिश्तेदार अंकुर के पास ठहरा. बाद में वह किसी होटल में रहने चला गया.
पुलिस ने बताया कि उन्हें न्यू इंदिरा नगर कॉम्प्लेक्स से ही सुराग हाथ लगा था, जिसके बाद अंकुर को हिरासत में लिया गया. उसने दुबे के होटल में ठहरे होने की सूचना दी. फऱीदाबाद पुलिस ने छापेमारी की और वहां से प्रभात उर्फ़ कार्तिकेय को गिरफ्तार किया. इस बीच दुबे वहां से फरार हो चुका था.