Vijay Mallya Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवमानना के मामले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को 4 महीने की सज़ा दी है. कोर्ट ने माल्या पर 2 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न चुकाने पर 2 महीने की अतिरिक्त जेल काटनी होगी. 2016 में देश छोड़ कर भागे माल्या को साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अवमानना का दोषी करार दिया था लेकिन तब से सज़ा पर चर्चा के लिए न तो माल्या पेश हुआ न उसकी तरफ से कोई वकील.


क्या है मामला?


बैंकों के हज़ारों करोड़ रुपए हजम कर फरार माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2017 को अवमानना का दोषी ठहराया था. उसे डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के विदेशी अकाउंट में ट्रांसफर करने और सम्पत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए अवमानना का दोषी करार दिया गया था. उसने पुनर्विचार याचिका दाखिल की जो खारिज हो गई. सज़ा पर चर्चा के लिए दोषी का पेश होना कानूनी ज़रूरत है लेकिन माल्या कई बार मौका मिलने के बावजूद पेश नहीं हुआ.


यूके से वापस न आने की जानकारी


सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट से माल्या को अधिकतम सज़ा देने की मांग की थी. हालांकि, सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया था कि प्रत्यर्पण की कानूनी लड़ाई हार जाने के बावजूद माल्या कुछ कानूनी दांवपेंच अपना कर यूनाइटेड किंगडम में बना हुआ है. उसने वहां कोई गुप्त कानूनी प्रक्रिया शुरू कर ली है. यूके की सरकार ने न तो इस प्रक्रिया में भारत सरकार को पक्ष बनाया है न उसकी जानकारी साझा की है. इस कारण माल्या को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है.


40 मिलियन डॉलर लौटाने का आदेश


सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यूके में चल रही प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार नहीं किया जाएगा. इसके बाद कोर्ट ने माल्या की सज़ा के मसले पर विचार किया. अब जस्टिस यु यु ललित और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने माल्या को सज़ा देने के अलावा यह आदेश भी दिया कि वह 40 मिलियन डॉलर बैंक को ब्याज समेत वापस करें. कोर्ट ने कहा है कि ऐसा न होने पर माल्या की संपत्तियों को जब्त कर इस रकम की वसूली की जाए.


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