Jagdeep Dhankhar On Language Row: भारत में भाषा विवाद के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने रविवार (02 मार्च,2025 ) को भाषाई टकराव के रुख का विरोध किया और कहा कि हर भारतीय भाषा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

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उपराष्ट्रपति ने आईआईटी हैदराबाद के छात्रों को संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने भारतीय भाषाओं के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "भारत बहुभाषी संस्कृति वाला देश है, जहां भाषाएं समृद्ध हैं. संसद में 22 भाषाओं में एक साथ अनुवाद की सुविधा है. हर भाषा का सम्मान और प्रोत्साहन जरूरी है, क्योंकि वे ज्ञान और बुद्धिमता का खजाना हैं"


'भारत की भूमि पर भाषा को लेकर टकराव क्यों?' – धनखड़
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सभ्यता समावेशिता सिखाती है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या देश में भाषाई टकराव का माहौल होना चाहिए? उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला, जो सभी के लिए गर्व की बात है.


धनखड़ का संदेश
उपराष्ट्रपति ने कहा, "हर भाषा का साहित्य सोने की खान है, और सभी भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए."उपराष्ट्रपति ने युवाओं से कहा कि सोशल मीडिया ने उन्हें निर्णय लेने की शक्ति दी है. उन्होंने चेतावनी दी कि राष्ट्रवाद से भटकाव या विकास को पक्षपातपूर्ण नजरिए से देखने की प्रवृत्ति पर नजर रखनी होगी. भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए आर्थिक रूप से प्रेरित ताकतों के विमर्श को कुंद करना होगा.


वैश्विक रणनीति और नवाचार पर जोर
धनखड़ ने कॉरपोरेट जगत से अनुसंधान (रिसर्च) में निवेश करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि दुनिया की रणनीतिक प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है.
पारंपरिक युद्ध प्रणाली खत्म हो रही है, और अब कूटनीति का दौर है.उन्होंने जोर देकर कहा कि  भारत में भाषा को लेकर टकराव नहीं, बल्कि एकता और सम्मान की भावना होनी चाहिए.



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