Waqf Law: नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई पार्टियों और मुस्लिम संगठनों की तरफ से याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने वक्फ कानून का समर्थन करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में एक अर्जी दायर की है.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के एक सूत्र ने बताया कि हाल में संसद द्वारा पारित अधिनियम का समर्थन करने के लिए बोर्ड की ओर से सोमवार (14 अप्रैल, 2025) को एक हलफनामे के साथ शीर्ष अदालत में हस्तक्षेप अर्जी दायर की गई.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने अपनी अर्जी में क्या कहा ? उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की तरफ से दायर अर्जी में कहा गया है कि राज्य में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन का जिम्मा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड को सौंपा गया है, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पक्ष है. बोर्ड ने बताया कि उसे अदालत की सहायता करने और मामले से जुड़े मुद्दों पर उचित कानूनी व तथ्यात्मक दलीलें देने की अनुमति दी जानी चाहिए.
उत्तराखंड में वर्तमान में 5,317 वक्फ संपत्तियांबोर्ड के मुताबिक, उत्तराखंड राज्य में वर्तमान में 5,317 वक्फ संपत्तियां हैं. बोर्ड ने अपनी अर्जी में कहा, “राज्य में वक्फ संपत्तियों में अचानक वृद्धि इन दावों की वास्तविकता पर सवाल उठाती हैं. कई वक्फ संपत्तियां ऐसी भी हैं जिन पर तीसरे व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर लिया है”.
इन राज्यों की सरकारें पहुंचीं सुप्रीम कोर्टवक्फ कानून पर सुनवाई से पहले कई राज्यों की सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. महाराष्ट्र, असम, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश की सरकारों ने आवेदन दाखिल कर नए कानून का समर्थन किया है. इन राज्यों ने कहा है कि नया कानून पारदर्शी, न्यायपूर्ण और व्यवहारिक है. कानून के खिलाफ दाखिल याचिकाओं का विरोध करते हुए इन सभी राज्यों ने अपना पक्ष भी सुने जाने की मांग कोर्ट से की है.
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