देहरादून: उत्तराखंड त्रासदी को एक सप्ताह पूरा हो गया. अब तक पचास लोगों की मौत की पुष्टी हो चुकी है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रविवार को 12 और शव मिलने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से पांच शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं जहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी का ज्वाइंट ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है.


पुलिस के अनुसार, इसके अलावा छह शव रैणी गांव से और एक शव रूद्रप्रयाग जिले से मिला है. चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि सुरंग से मिले शवों में से दो की पहचान हो गई है. एक की शिनाख्त टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह और दूसरे की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है. उन्होंने कहा कि मौके पर एक हेलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.


चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 154 अन्य अभी भी लापता हैं. इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं. बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी.


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