India on USCIRF Report: अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन को लेकर भारत की आलोचना की. यूएससीआईआरएफ ने अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को सीपीसी नामित करने का अनुरोध किया. ऐसा पहली बार नहीं है जब यूएससीआईआरएफ ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन को लेकर भारत पर निशाना साधा है. 


इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से 2023 में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन में नामित 12 देशों को इस लिस्ट में फिर से जोड़ा जाएगा, जिसमें चीन और रूस भी शामिल है. इस साल रिपोर्ट में पांच नए देश जोड़े गए, जिसमें अफगानिस्तान, अजरबैजान, नाइजीरिया, वियतमान और भारत शामिल हैं.


यूएससीआईआरएफ रिपोर्ट की भारत ने की आलोचना


यूएससीआईआरएफ की ओर से धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन मामले को लेकर 11 देशों को विशेष निगरानी सूची में जोड़ने की सिफारिश की गई थी. यूएससीआईआरएफ के रिपोर्ट की भारतीय विदेश मंत्रालय ने आलोचना की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यूएससीआईआरएफ एक राजनीतिक एजेंडे के साथ एक पक्षपाती यूनिट के रूप में काम करता है. उन्होंने कहा, "हमें वास्तव में कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के लोकतंत्र, यहां के विविधता को समझने की कोशिश करेगा."


यूएससीआईआरएफ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के साथ-साथ कुछ अन्य मुद्दों पर भारत की आलोचना की है. इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा, "दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की उनकी कोशिशें कभी सफल नहीं होगी."


FIIDS ने रिपोर्ट पर पक्षपात का लगाया आरोप


भारत और भारतीय प्रवासी अध्ययन फाउंडेशन (FIIDS) ने कहा कि भारत पर यूएससीआईआरएफ की स्थिति 2023 के उसके विश्लेषण के विपरीत है, जो साल-दर-साल महत्वपूर्ण सुधार का संकेत देती है. एफआईआईडीएस के विश्लेषण ने निष्कर्ष निकाला कि मणिपुर दंगे अंतर-आदिवासी थे, जो ड्रग माफियाओं और म्यांमार घुसपैठियों द्वारा शोषण की गई ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता के परिणामस्वरूप हुए, जिससे सभी धर्म प्रभावित हुए, लेकिन यूएससीआईआरएफ ने केवल ईसाइयों को ही चुना.


एफआईआईडीएस ने कहा, "चूंकि 2023 में भारत में कोई बड़ा हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ था, इसलिए इसे ऐसे दंगों से मुक्त वर्ष के रूप में उल्लेख करने के बजाय, रिपोर्ट ने भारत की बड़ी मुस्लिम आबादी को स्वीकार किए बिना ब्रांडिंग के लिए अलग-अलग घटनाओं को प्रस्तुत किया."


ये भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: अमेठी छोड़ रायबरेली से राहुल गांधी ने भरा पर्चा तो BJP ने कसा तंज, कांग्रेस का पलटवार- 'नरेंद्र मोदी भी तो भागकर...'