दिल्ली: 4 अक्टूबर को होने जा रही प्रिलिम्स परीक्षा को टालने में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने असमर्थता जताई है. IAS और IPS जैसी महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं के लिए होने वाले इस परीक्षा को कोरोना के मद्देनजर 2-3 महीना टालने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने UPSC को परीक्षा न टालने की वजह बताते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है. मामला बुधवार, 30 सितंबर को सुना जाएगा.


UPSC परीक्षा का फॉर्म भर चुके 20 प्रतिभागियों ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के जरिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. याचिका में यह कहा गया है कि देश में कोरोना के हालात अभी गंभीर हैं. कई इलाकों में बारिश और बाढ़ की वजह से भी दिक्कतें हैं. ऐसे में परीक्षा कुछ महीनों के लिए टाल दी जानी चाहिए.


याचिकाकर्ताओं का यह कहना है कि देश भर के 72 परीक्षा केंद्रों में करीब 6 लाख प्रतिभागी इस परीक्षा में शामिल होंगे. ऐसे में उनके स्वास्थ्य को कोरोना से गंभीर खतरा हो सकता है. इन याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि यह परीक्षा नौकरी में भर्ती के लिए ली जा रही है. यह कॉलेज में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षा नहीं है. इसमें यह कहा जा सकता कि इसे टालने से छात्रों का 1 साल बर्बाद हो जाएगा.


आज संघ लोक सेवा आयोग की तरफ से पेश वकील नरेश कौशिक ने परीक्षा टालने में असमर्थता जताई. जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच से उन्होंने कहा, “यह बेहद महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं के लिए होने वाली परीक्षा है. परीक्षा मई में होनी थी. लेकिन उसे टाला गया. 30 सितंबर की तारीख तय की गई. उसे और आगे सरका कर 4 अक्टूबर किया गया है. अब अगर परीक्षा को टाला गया, तो इसके आयोजन का उद्देश्य हो खत्म हो जाएगा.“


इस पर जजों ने पूछा कि क्या आयोग ने इस मसले पर हलफनामा दाखिल किया है. वकील ने बताया कि उन्हें अभी-अभी याचिका की कॉपी मिली है. इस वजह से लिखित हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है. कोर्ट उन्हें इसके लिए कल तक का समय दे. बेंच ने इसकी इजाजत देते हुए सुनवाई बुधवार के लिए टाल दी.


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