नई दिल्ली: उत्तराखंड के छोटे से शहर हल्द्वानी में एक सामान्य परिवार की लड़की ने बिना किसी ट्यूशन या बाहरी मदद के भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में देश में 39वां स्थान प्राप्त कर सबको चौंका दिया है.

अपूर्वा ने सिविल सर्विसेज में 39वी रैंक हासिल की है. सुबह से ही अपूर्वा के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बेटी की इस कामयाबी से उनके माता पिता बेहद गदगद हैं. अपूर्वा ने बिना किसी कोचिंग इस सफलता को हासिल किया है. अपूर्वा अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता को दे रही हैं. वे पन्त नगर यूनिवर्सिटी से बी.टेक कर चुकी हैं और अब आई.ए.एस. बनकर समाज के लिए कुछ करना चाहती हैं.

अपूर्वा के माता पिता दोनों शिक्षक हैं. माता और पिता का कहना है कि अपूर्वा ने जिस तरह तैयारी की उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी बेटी उनका नाम जरूर रोशन करेगी. बेटी की इस कामयाबी पर उनके पिता कहते हैं कि इस उपलब्धि से बड़ा और कुछ नहीं है. बस उसकी मेहनत रंग लाई, अब अपूर्वा समाज के लिए अधिकारी बनकर कुछ अलग करे.

कभी इस वजह से टूट गये थे, अब UPSC के हिंदी टॉपर बने अनिरुद्ध कुमार, पत्नी भी हैं IPS

 UPSC रिजल्ट : जौनपुर के सूरज ने पिता की हत्या के बाद देखा सिविल सर्विसेज का सपना 

UPSC 2017 में चुने गए 'रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी जामिया' के 43 बच्चे

UPSC के टॉपर अनुदीप डुरीशेट्टी से मिलिए, असिस्टेंट कमिश्नर पद पर हैं तैनात, पढ़ाई के अलावा फुटबॉल में है दिलचस्पी

10 साल तक पढ़ाई छोड़ी, बच्चे से अलग रही, अब बनी IAS, जानें अनु कुमारी की पूरी कहानी

UPSC 2017: एक चाय वाले के बेटे ने हासिल की 82वीं रैंक