बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर तंज कसा था. इसी को लेकर अब जदयू (JDU) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने भी सुशील मोदी को आड़े हाथ ले लिया है. दरअसल, बिहार में बीजेपी और जदयू का गठबंधन टूटने और सरकार बदलने के कारण अब दोनों ही पार्टियों एक दूसरे पर तंज कसने या निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ रही हैं. 


दरअसल, सुशील कुमार मोदी ने एक अखबार की कटिंग ट्वीट करते हुए लिखा था कि "जदयू का राजद में होगा विलय या पार्टी ही नहीं बचेगी" इसके जवाब में कुशवाहा ने भी एक लंबा सा चिठ्ठा लिख डाला है. इसमें उन्होंने सुशील मोदी के इस बयान को आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया है. बीजेपी के नेता लगातार ये बोल रहे हैं कि उन्होंने हमारी पार्टी और नेता पर कृपा की है. केंद्र में मंत्री और मुख्यमंत्री बनाया. 


1995-96 से पहले कोई नहीं करना चाहता था बीजेपी से दोस्ती 


कुशवाहा ने बीजेपी को 1995-96 से पहले का दौर याद दिलाते हुए कहा कि तब बीजेपी पार्टी अछूत हुआ करती थी. कोई भी दल इस पार्टी से दोस्ती नहीं करना चाहते थे. उस समय बीजेपी के लिए समता पार्टी के तत्कालीन नेता स्व. जॉर्ज फर्नांडिस और नीतीश कुमार ने बीजेपी के मुंबई अधिवेशन में भाग लिया और तब समता पार्टी से गठबंधन की नींव पड़ी. तब अगर जॉर्ज-नीतीश की कृपा नहीं होती तो आज बीजेपी का कोई अतापता नहीं होता. 


देश का इतिहास बदलने की कोशिश में लगी है बीजेपी - कुशवाहा 


उन्होंने आगे कहा कि जरा सा अगर कुछ बचा है बीजेपी नेताओं के अंदर तो याद करिए 1995-96 के अपने इतिहास को. देश जानता है कि बीजेपी देश का इतिहास ही बदलने की कोशिश में लगी हुई है. तो पार्टी का इतिहास भूलना बीजेपी के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. 


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