Government Doctor's Transfered In UP: यूपी (UP) में सरकारी डाक्टरों के तबादले को लेकर हंगामा मच गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) के पास स्वास्थ्य विभाग (Health Department) है. लेकिन उनसे पूछे बिना ही सैकड़ों डॉक्टरों का ट्रांसफ़र कर दिया गया. डाक्टरों के तबादले की लिस्ट जब आई तब डिप्टी सीएम हैदराबाद (Hyderabad) पहुंच गए थे, जहां बीजेपी (BJP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive) की बैठक हो रही थी. जब वे लखनऊ (Lucknow) लौटे तो डाक्टरों के ट्रांसफर की लिस्ट देख कर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था. 


लखनऊ के बड़े सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टर ही नहीं रहे. क्योंकि उनको राज्य के दूसरे शहरों में भेजा चुका था. यूपी के अलग अलग इलाक़ों से गंभीर बीमारी के मरीज़ अपना इलाज कराने लखनऊ आते हैं. लेकिन लखनऊ से ही उन जानकार डाक्टरों को हटा दिया गया. वो भी उनके बदले किसी और डाक्टर को तैनात किए बगैर. आपको बता दें कि यूपी में हर साल 30 जून तक तबादले करने की परंपरा रही है. आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंत्री से पूछे बिना अपने मन से डाक्टरों के तबादले कर दिए.


ब्रजेश पाठक ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ खोला मोर्चा
स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अमित मोहन प्रसाद की मनमानी के खिलाफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अब मोर्चा खोल दिया है. हैदराबाद से लखनऊ लौटते ही उन्होंने अमित मोहन से जवाब तलब कर लिया है. मंत्री जी ने चिट्ठी लिख कर पूछा है कि उनके बिना बताए डाक्टरों को इधर से उधर क्यों किया गया ? डॉक्टरों के तबादले का क्या आधार है ? अगर किसी अस्पताल से किसी एक्सपर्ट डॉक्टर के हटाया गया तो फिर उनके बदले किसी दूसरे डाक्टर को पोस्ट क्यों नहीं किया गया? 


डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से लिखित में पूरा ब्योरा मांग लिया है. इससे पहले भी उनके काम काज को लेकर पाठक उनसे नाराज़ चल रहे हैं. अकेले लखनऊ में ही 16 करोड़ रुपये की एक्सपायर्ड दवाएं मिलीं लेकिन प्रसाद ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.


अस्पतालों के लगातार औचक दौरे कर रहे हैं डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम बनने के बाद से ही ब्रजेश पाठक लगातार अस्पतालों और हेल्थ सेंटरों का दौरा कर रहे हैं. वे सामान्य मरीज बन कर हॉस्पिटल पहुंच जाते हैं. फिर जानकारी लेते हैं कि कहां क्या गड़बड़ी हो रही है. किसी अस्पताल में उनको डॉक्टर गायब मिले तो कहीं मरीजों को बाहर से दवा लाने पर मजबूर किया जा रहा था.


पाठक को जहां भी गड़बड़ी मिली उन्होंने जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की लेकिन अमित मोहन प्रसाद फाइल पर कुंडली मार कर बैठ गए. लेकिन इस बार डिप्टी सीएम सीनियर आईएएस अफसर (IAS Officer) अमित मोहन प्रसाद को सबक सिखाने का मन बना चुके हैं. मामला मुख्यमंत्री ऑफिस (Chief Minister Office) तक पहुंच गया है.


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