पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के पक्ष में प्रचार करने के लिए वाराणसी पहुंची हैं. आज ममता बनर्जी वाराणसी में अखिलेश यादव के साथ जनता को संबोधित करेंगी. एक दिन पहले बुधवार को ममता वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर पहुंची थी. वह 'गंगा आरती' में शामिल होने के लिए दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ रही थीं, तभी चेतगंज चौराहे पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले के सामने काले झंडे दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी.

करीब 10 मिनट तक जय श्रीराम और वापस जाओ के नारे लगते रहे लेकिन ममता वहीं खड़ी रहीं. ममता ने कहा कि हार के डर से यह सब हो रहा है. अब बिना हराए यहां से नहीं जाऊंगी. प्रदर्शनकारियों को रोकने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है.

तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना की

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का विरोध किए जाने की कड़ी आलोचना की. टीएमसी के वरिष्ठ नेता ब्रत्य बसु ने कहा कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में ममता बनर्जी का विरोध किया जाना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है क्योंकि ये भाजपा की उदारवाद-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.

बसु की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'क्या टीएमसी वाराणसी में 'जय बांग्ला' का नारा सुनना चाहती है? लोगों ने उनके (ममता बनर्जी) काफिले को देखकर 'जय श्री राम' के नारे लगाए. 'जय श्री राम' का नारा लगाने से क्या दिक्कत है.

ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश चुनाव के सातवें और अंतिम चरण से पहले पीएम मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के लिए प्रचार के लिए आई हैं. हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना लगभग दो दशक पहले भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. ये भी पढ़ें-

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