चुनाव अगर लोकतंत्र का उत्सव है, तो कुछ नेताओं के लिए करोड़ों की हेराफेरी का अवसर. इन्हीं का नकाब उतारने के लिए ABP न्यूज ने ऑपरेशन न्यूटन किया है. यूपी चुनाव में किस्मत आजमा रहे ऐसे नेता जीतने के लिए नहीं बिकने के लिए मैदान में है. नोट के बदले वोट का गंदा खेल खेलने वाले दर्जनों नेता हैं.
दिनेश चंद्र, उत्तर प्रदेश में बाराबंकी की कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. वो पिछड़ा समाज पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. दावा है कि उनकी पार्टी करीब 20 साल पुरानी है ये अलग बात है कि आज तक उस पार्टी का कोई भी उम्मीदवार कभी चुनाव नहीं जीता, फिर भी वो क्यों चुनाव लड़ रहे हैं? और कितने वोटों के भरोसे हैं? ये जानने के लिए हमारे अंडरकवर रिपोर्टर ने सर्वे करने के बहाने उनसे सवाल शुरू किए.
रिपोर्टर- आपके अपने कितने वोट होंगे सर, आपकी पार्टी के, जैसे आपने बताया ? मतलब जो डलेंगे ही डलेंगे आपको?प्रत्याशी- हां लगभग 50 हज़ार तो डल जाएंगे.रिपोर्टर- 50 हज़ार होंगे? निश्चित है ये?प्रत्याशी- निश्चित डल जाएंगे.रिपोर्टर- मतलब ये भी तय है कि जीत तो नहीं रहे है आप?प्रत्याशी- अब ये हम कैसे कह दे कि हम जीत नहीं रहे है रिपोर्टर- आप ही कह रहे हैं ना की फाइट है?प्रत्याशी- फाइट है लेकिन ये है कि सब लोग लड़ेंगे और लड़ाई का फायदा हमको मिल सकता हैरिपोर्टर- मैं सर घुमा फिरा कर बात नहीं करूंगा एक्चुअली जिस कंपनी के लिए हम सर्वे कर रहे हैं वो बीजेपी के लिए सर्वे करवा रही है.प्रत्याशी- जी, जी, जीरिपोर्टर- बेसिकली हम लाइजनिंग का काम भी कर रहे हैं तो क्या ये हो सकता है सर कि ये 50 हज़ार वोट बीजेपी को डल जाएं ?प्रत्याशी- नहीं
दिनेश चंद्र के इस जवाब से ऐसा लगा कि वो पूरी ईमानदारी से अपना चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन हमारे अंडरकवर रिपोर्टर ने एक बार फिर उनको टटोलने के लिए ये भरोसा दिया कि अगर वो अपने वोट किसी खास पार्टी के पक्ष में ट्रांसफर करने को तैयार हों तो उन्हें इसकी कीमत मिल सकती है. ये सुनते ही उनके चेहरे पर मुस्कुराहट तैरने लगी.
रिपोर्टर- सीधा-सीधा बताए तो एक हिसाब देना है, आप बताइए सर अगर हो सकता है तो मैं फिर बॉस से बात करूं कि हां मतलब हमें तो सर लिखकर दे देना है कि यहां पर हो जाएगा यहां नहीं होगा, यहां हो जाएगा यहां नहीं होगा, अगर कुछ है गुंजाइश.प्रत्याशी- जैसा आप उचित समझें...हम उस हिसाब से सोचे, तो हम उस हिसाब से सोचें
हिसाब-किताब की बात कहते हुए उम्मीदवार दिनेश चंद्र गंभीर हो गए. अब हमारा सवाल भी सीधा था, हिसाब मतलब वोट ट्रांसफर करने की क्या कीमत चाहते हैं वो?
दिनेश चंद्र, विधानसभा उम्मीदवार- नहीं हम कुछ नहीं कहेंगे...जो कहना है आप ही कहिएरिपोर्टर- बजट बात दीजिए? रिपोर्टर- मतलब हो जाएगा ना? हो सकता है ना? पॉसिबिलिटी है ना? तभी मैं आगे बात करूंगा ना?प्रत्याशी- हां हां पॉसिबिलिटी है रिपोर्टर- पॉसिबिलिटी है ना?प्रत्याशी- पॉसिबिलिटी तो बहुत है, पॉसिबिलिटी बहुत है
तो जो दिनेश चंद्र पहले वोट ट्रांसफर करने के लिए सीधे-सीधे नहीं कह चुके थे वो सौदे की बात सुनते ही बदल गए, सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के एक और उम्मीदवार श्याम के वोट भी ट्रांसफर करने के संकेत दे दिए.
प्रत्याशी- अब बिरादरी वाला वोट सब श्याम जी के खाते में जाएगा.रिपोर्टर- तो यानी कि सर हो सकता है है नाप्रत्याशी- हां हो सकता है रिपोर्टर - आप ही बता दीजिएप्रत्याशी - ये हम नहीं बता सकतेरिपोर्टर- एक हमारा बजट है एक्चुअली और हमें उसी बजट में सब मैनेज करना है, उस बजट में हमें सब मैनेज करना है मतलब हमें थोड़ा-थोड़ा करके बताया जा रहा है कि इतना है इतना है, आप 50 हज़ार वोट कह रहे हैं. 50 हज़ार मिनिमम है वोट आपकी वहा पर, आपका जो है?प्रत्याशी- जीरिपोर्टर- तो यह सारा वोट बीजेपी के फेवर में डलवा देंगे आप?प्रत्याशी- भई जब हम आप से समझौता कर लेंगे, तब तो हमें मजबूरी में वो करना पड़ेगारिपोर्टर- तो 5 सर.प्रत्याशी- 5 कम है...
ऐसे उम्मीदवारों के लिए जनता के वोट की क्या कीमत होती है. जिन 50 हजार लोगों के समर्थन का ये दावा कर रहे हैं उनके वोट बेचने के कैसे मोलभाव कर रहें हैं.
प्रत्याशी- 5 कम है रिपोर्टर - कम नहीं है सर? हमारा भी एक बजट है ना सर, बजट है सर. इतने क्षेत्रों में घूमना है सर आप समझिए ना सर? और श्याम जी से भी अगर बात कर लेंगे एक बार तो 10 कर देंगे?प्रत्याशी- श्याम जी का तो हम करा देंगे श्याम जी से भी बात कर लेंगे लेकिन श्याम जी का अलग रहेगा हमारा अलग रहेगारिपोर्टर-हां- हां, बिल्कुल बिल्कुल, आपका 5 लाख है, आपका पांच अलग उनका पांच अलग. प्रत्याशी- 5 कम है.रिपोर्टर- कम है? वो मैं बात कर लूंगा बॉस से एक बार. क्या गुंजाइश हो सकती है वह मैं बात कर लूंगा सर, कितना अच्छा आप बताइए ना आप कितना मान कर चल रहे हैं?प्रत्याशी- 10-10 कर दीजिए.रिपोर्टर- हैप्रत्याशी- 10-10 कर दीजिए
इस तरह कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार दिनेश चंद्र अपने 50 हजार वोट 10 लाख रुपए में बेचने के लिए तैयार हो गये और अपनी पार्टी के दूसरे उम्मीदवार को मिलाकर उन्होंने कुल 20 लाख रुपए की मांग की.
हमारा अगला सवाल था कि वोट ट्रांसफर कैसे होंगे?
प्रत्याशी- देखिए दो तरीके हैं एक तो जो बीजेपी वाले हमारे जो सब संपर्क में हैं है ना उनसे कह देंगे कि अब आप now you are free ठीक है और बाकी जो जिनका डिसीजन नहीं भी है तो उनको कह देंगे कि भई बाबा की सरकार है और बाबा की योजनाओं से हम लोग लाभान्वित हैं तो चलो भाई निपटाओ.
प्रत्याशी- दरअसल हम तो बीजेपी का वोट ही काटने के लिए खासतौर से खड़े हैं वहांरिपोर्टर- वजहप्रत्याशी- क्योंकि हमारे जितने वोट हैं सब बीजेपी के हैं अपने सारे वोटों का सौदा करने के बाद दिनेश चंद्र ने ये भी साफ कर दिया कि पेमेंट कैश में चाहिए
रिपोर्टर- पेमेंट कैश में करनी है कि कैसे होगी मतलब ?प्रत्याशी- होगा तो कैश ही...और क्या करेंगेरिपोर्टर- कैश में करवा देंगेप्रत्याशी- है नारिपोर्टर- पूरा ही कैश प्रत्याशी- हां रिपोर्टर- ठीक है
उन्नाव के पुरवा से निर्दलीय उम्मीदवार है अनिल हैं. ये नेता भी बिकने के लिए तैयार और एबीपी न्यूज के कैमरे में ये कैद हो गए.
रिपोर्टर- तो अगर दो चीजें आप कंफर्म कर दें तो मैं आगे बात कर लूंगा, कितने और कितनी डिमांडअनिल- 10000 वोटररिपोर्टर- हो जाएगाअनिल- हां और एक करोड़ कर लीजिएगारिपोर्टर- तो कितना लिख लें हम आपकोरिपोर्टर- 10 हजार वोट का 2 करोड़ अनिल- 10 हजार वोट का 2 करोड़
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