प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच गुरुवार को 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और 54 जिला कलेक्टरों के साथ बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से जिला कलेक्टरों को व्यवस्था की निगरानी समेत कई अहम सुझाव दिए गए. लेकिन, इस बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद को ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भड़क गईं. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें एक तरह से अपमानित महसूस हुआ.


रविशंकर का ममता पर पलटवार


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इन आरोपों पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया. रविशंकर प्रसाद ने ममता पर पीएम मोदी की बैठक को ही पटरी से उतारने का आरोप लगाया. केन्द्रीय कानून मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने कोरोना की लड़ाई के अच्छे कामों को शेयर करने के लिए कुछ राज्यों के जिलाधिकारियों की बैठक बुलाई थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आचरण आज बहुत अशोभनीय रहा है. उन्होंने पूरी बैठक को एक तरह से पटरी से उतारने की कोशिश की.


रविशंकर ने आगे कहा- उन्होंने कहा कि सिर्फ BJP प्रदेश के ज़िलाधिकारियों को बुलाया जाता है जबकि पूर्व में आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जिलाधिकारियों ने भी बात रखी है. ममता बनर्जी ने 24-परगना के DM को बोलने नहीं दिया, कहा कि DM क्या जानते हैं, मैं उनसे ज्यादा जानती हूं.


क्या बोलीं ममता बनर्जी


दरअसल, पीएम मोदी की बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्रियों को कठपुतलियां बनाकर रख दिया गया है, प्रधानमंत्री के साथ कोविड पर बैठक में उन्हें बोलने की इजाजत नहीं होती.''


ममता ने कहा, ''मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की कोविड पर बैठक पूरी तरह फ्लॉप और अपमानजनक रही.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड बैठक में दावा किया कि संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं, तो फिर अब भी इतनी मौतें क्यों हो रही है.


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