नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज NFSA (राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) का जिक्र करते हुए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''मोदी सरकार को NFSA के लाभार्थीयों की लिस्ट का विस्तार करना था. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.''

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जनता को अपने हक़ का राशन नहीं मिला और इस समस्या ने त्रासदी का रूप ले लिया. उन्होंने यह ट्वीट एक खबर का हवाला देते हुए किया जिसमें कहा गया है कि सरकार ने NFSA के लाभार्थीयों की लिस्ट का विस्तार नहीं किया. यही वजह रही कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों के सामने संकट और बड़ी हो गई.

अब राहुल गांधी के इन आरोपों पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने पलटवार किया है. उन्होंने राहुल गांधी को ट्विटर पर टैग करते हुए कहा कि उनका दावा तथ्यों से परे है.

पासवान ने कहा, ''कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह कहना कि मोदी सरकार ने NFSA लाभार्थियों की सूची का विस्तार नहीं किया, तथ्यों से परे है. UPA सरकार ने ही NFSA कानून को 2013 में पास करते समय हर 10 वर्ष में लाभार्थियों की सूची के विस्तार का प्रावधान किया जो कि 2021की जनगणना के बाद प्रस्तावित है.''

उन्होंने आगे कहा, ''इस कोरोना संकट में हमारी सरकार ने गरीबों की जरूरत को महसूस करते हुए आत्मनिर्भर भारत_पैकेज के तहत 8 करोड़ वैसे प्रवासी श्रमिकों एवं जरूरतमंदों के लिए दो महीने मुफ्त अनाज की व्यवस्था की है जिनके पास कोई राशनकार्ड नहीं है.''