राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास पिछले करीब एक महीने से हजारों की तादाद में किसान जुटे हैं और केन्द्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन नए कृषि सुधार संबंधी कानूनों का विरोध कर रहे हैं. अब तक इसको लेकर पांच दौर की किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही. सरकार की तरफ से भेजे गए संशोधन के प्रस्ताव को भी किसान संगठनों ने खारिज कर दिया था. वह पूरी तरह तीनों कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं.


सरकार को उम्मीद- जल्द निकलेगा समाधान


इस बीच, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने यह उम्मीद जताई है कि किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत में इसका समाधन निकल आएगा. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कैलाश चौधरी ने कहा- "मुझे उम्मीद है कि किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बैठक में समाधान निकल आएगा. कई राज्यों के किसानों ने नए कानूनों का समर्थन किया है और वे प्रधानमंत्री का ‘धन्यवाद पत्र’ भेज रहे हैं."





नरेन्द्र तोमर का विपक्ष पर निशाना


कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसान विरोधी प्रदर्शन को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा. तोमर ने कहा- जो भी लोग किसानों का शुभचिंतक बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं उन्हें भविष्य में जनता सबक सिखाएगी.


कृषि मंत्री ने आगे कहा- पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी अन्य राज्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े. अब तक 96 हजार करोड़ रुपये किसानों को ट्रांसफर किया जा चुका है. पश्चिम बंगाल में इस योजना से 70 लाख किसानों को फायदा होगा. मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इससे जुड़ने के लिए पत्र भी लिखा था.


निर्मला ने राहुल को दिलाई 2019 के चुनावी घोषणा पत्र की याद


इस बीच, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की तरफ से इन कानूनों के विरोध को लेकर राहुल गांधी से सवाल पूछा है. निर्मला ने कहा- मैं राहुल गांधी से यह पूछना चाहती हूं कि क्या किसान के हित में इन नीतियों को कांग्रेस ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया था. वे इसलिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि इन सुधारों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लागू किया है, ना कि उन्होंने ने.


केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आगे कहा- "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को संबोधित कर यह साफ कर दिया है कि सरकार उन लोगों के साथ बातचीत को तैयार है जिनके मन में तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सवाल हैं. मुझे उम्मीद है कि अब प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से सरकार से इस बारे में बातचीत की जाएगी."


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