'एक्सीडेंट हो गया, पैसे भेज दीजिए', केंद्रीय मंत्री आठवले को ठगने की कोशिश, असिस्टेंट ने बचाया
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बताया कि पुलिस जांच में भी यह स्पष्ट हुआ कि शिरडी के किसी भी स्कूल ने गोंदिया यात्रा का आयोजन नहीं किया था. वह उस फोन नंबर को विस्तृत जांच के लिए गृह विभाग को सौंपेंगे.

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने बताया कि शनिवार (15 फरवरी,2025) को एक व्यक्ति ने फोन पर उन्हें दुर्घटना की झूठी कहानी सुनाकर ठगने की कोशिश की. हालांकि, उनके सहायक की सतर्कता के कारण वह इस धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गए.
फोन कॉल से गुमराह करने की कोशिश
आठवले ने बताया कि यह घटना शुक्रवार की है, जब वे बिहार में थे. उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के शिरडी का शिक्षक बताया. मंत्री ने कहा, “फोन करने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि उसके स्कूल के छात्रों को ले जा रही एक गाड़ी गोंदिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, जिससे 8-10 छात्र घायल हो गए हैं. उसने उनके इलाज के लिए गूगल पे (जी-पे) के जरिए पैसे मांगे.” आठवले ने तुरंत गोंदिया में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस घटना की जांच करने और जरूरतमंदों की मदद करने का निर्देश दिया.
अलग-अलग स्थानों की गलत जानकारी
उन्होंने आगे बताया कि कुछ ही देर बाद उन्हें फिर से फोन आया, जिसमें दावा किया गया कि दुर्घटना भंडारा में हुई है और घायल बच्चों को मुंबई के जेजे अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई है.
ठगी का पर्दाफाश
आठवले को शक हुआ, क्योंकि विदर्भ का सबसे बड़ा शहर नागपुर, भंडारा के ज्यादा करीब है, न कि मुंबई. इसके बाद उनके सहायक सचिन भाटी ने मामले की पड़ताल की और पाया कि यह पूरी तरह धोखाधड़ी थी. सचिन ने मंत्री को किसी भी तरह की राशि न भेजने की सलाह दी.
पुलिस को सौंपी जाएगी जानकारी
आठवले ने बताया कि पुलिस जांच में भी यह स्पष्ट हुआ कि शिरडी के किसी भी स्कूल ने गोंदिया यात्रा का आयोजन नहीं किया था. मंत्री ने कहा कि वह उस फोन नंबर को विस्तृत जांच के लिए गृह विभाग को सौंपेंगे.
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