नई दिल्लीः देश में कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ने के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को घर में आइसोलेशन में रहने के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए. संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कम प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज (जैसे एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले, कैंसर का इलाज कराने वाले) घर में अलग रहने के लिए योग्य नहीं हैं. इन बातों का रखना होगा ध्यान इसके अलावा, 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग रोगियों और अन्य बीमारियों जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़े/लिवर/किडनी की पुरानी बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टर के उचित परामर्श के बाद ही घर में आइसोलेश में रहने की अनुमति दी जाएगी. दिशा-निर्देशों के अनुसार, घर में आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को लक्षण दिखने के 10 दिनों के बाद और तीन दिन तक बुखार न आने पर आइसोलेशन की अवधि से मुक्त माना जाएगा. बिना लक्षण वाले मरीज होम आइसोलेशन पर देश में ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले संक्रमण की स्थिति में मरीजों को घरों में ही आइसोलेशन पर रखा जा रहा है, ताकि अस्पतालों में मौजूद बेड को गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए रखा जा सके. देश में अब तक कोरोना वायरस के कारण संक्रमण के 6 लाख 4 हजार से ज्यादा मामले आ चुके हैं, जिनमें से 17,834 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि 3 लाख 59 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हो चुके हैं. देश में अभी भी 2 लाख 26 हजार से ज्यादा सक्रिय मरीज हैं. ये भी पढ़ें कोरोना की वैक्सीन की क्लीनिकल ट्रायल के लिए आईसीएमआर ने 12 संस्थानों का चयन किया दुनिया में कोरोना ने फिर तोड़ा रिकॉर्ड, एक दिन में सामने आए 2 लाख से ज्यादा नए मामले, 5 हजार की मौत