प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को तीन बड़े फैसले लिए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "सेंसस 2027 को लेकर फैसला हुआ. इसके लिए 11718 करोड़ का बजट पास हुआ. दूसरा कोल यानी एनर्जी सेक्टर में बड़ा रिफॉर्म किया गया है. तीसरा किसानों से जुड़ा फैसला लिया गया है."
'भारत में होगी पहली डिजिटल जनगणना'
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "2027 की जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी. जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. यह दो चरणों में आयोजित की जाएगी. पहला चरण 1 अप्रैल से सितंबर 2026 तक हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस. दूसरा चरण फरवरी 2027 में जनसंख्या गणना." केंद्रीय मंत्री ने बताया, "पहली बार डिजिटल सेंसस होगा, जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए डाटा कलेक्ट किया जाएगा. यह एप्लीकेशन हिंदी, इंग्लिश और क्षेत्रीय भाषाओं में होगा."
'सेंसस के लिए जाति बताना जरूरी नहीं'
केंद्रीय मंत्री ने बताया, "सेंसस को लेकर एक गजट नोटिफिकेशन आएगा. इसमें जाति आदि के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी. सेंसस को लेकर डेटा प्रोटेक्शन का काफी ध्यान रखा गया है. जाति बताना जरूरी नहीं है, कोई चाहे तो यह नहीं भी बता सकता है. सिर्फ एग्रीगेटेड डेटा को पब्लिश किया जाएगा. माइक्रो डेटा को पब्लिस नहीं किया जाएगा."
कोल उत्पादन को लेकर सरकार का फैसला
यूनियन कैबिनेट ने कोयले की नीलामी के लिए नई व्यवस्था ‘कोल सेतु’ को मंजूरी दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कोल सेतु यानी कोल के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर बनने जा रहा है, जिससे इंपोर्ट पर निर्भरता खत्म हो रही है. इंपोर्टेड कोल से निर्भरता कम होने के कारण हम 60 हजार करोड़ रुपये बचा रहे हैं. 2024-25 में 1 बिलियन टन कोल प्रोडक्शन हुआ है. रेल और कोल एक तरीके से पर्टनर हैं. डोमेस्टिक जितने पावर प्लांट हैं उसमें रिकॉर्ड हाई कोल स्टॉक क्रिएट हो चुके हैं."
किसानों को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2026 के लिए पिसाई वाले खोपरा के लिए 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और गोल खोपरा के लिए 12,500 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है. एनएएफईडी और एनसीसीएफ इसके लिए नोडल एजेंसियां होंगी."