नई दिल्ली: केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की शिवसेना से तल्खी चरम पर है. मराठा आंदोलन, अविश्वास प्रस्ताव, महिला सुरक्षा, गोरक्षा के बाद अब शिवसेना ने हिंदुत्व के मसले पर बीजेपी को घेरने का फॉर्मूला तैयार किया है. इसके तहत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और अयोध्या जाएंगे. इसी दौरे को लेकर पार्टी सचिव और उद्धव ठाकरे के पीए ने मुंबई में पोस्टर लगाए हैं. जिसमें अयोध्या और वाराणसी में उद्धव का साथ देने की अपील की गई है.

शिवसेना 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को 'हिंदुत्व' के मुद्दे पर घेरना चाहती है. दरअसल, राम मंदिर के मुद्दे शिवसेना लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है. शिवसेना का कहना है कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी राम मंदिर के वायदों को भूल गई.

पिछले दिनों शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि पिछले 25 वर्षो से शिवसेना और बीजेपी सहयोगी हैं, क्योंकि दोनों हिंदुत्व की विचारधारा, हिंदुओं के दर्जे, राष्ट्रीय हित और देश की सुरक्षा समेत अन्य मुद्दों पर समान राय रखते हैं.

ठाकरे ने कहा, "लेकिन हिंदुत्व क्या है, मैं मेरे पिता शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे से अक्सर यह पूछता था. उनका जवाब होता था कि राष्ट्रीयता हमारा हिंदुत्व है. हम नहीं चाहते कि हिंदू केवल मंदिर में जाकर घंटियां बजाएं, चोटी रखें और जनेऊ धारण करें. बालासाहेब के हिंदुत्व के विचारों को अब प्रचारित और लागू किया जाना चाहिए."

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राष्ट्रवाद पर बहस के मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधते हुऐ ठाकरे ने कहा कि बीजेपी के पास यह फैसला करने का अधिकार नहीं है कि कौन राष्ट्रवादी हैं और कौन नहीं.

लोकसभा में पिछले सप्ताह बीजेपी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान शिवसेना ने सदन में अनुपस्थित रहने का निर्णय लिया था. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव सत्तारूढ़ दल द्वारा लोगों के साथ किए गए धोखे का परिणाम है.

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मराठा आरक्षण के लिए फिर से शुरू हुए आंदोलन के बीच कल ही शिवसेना के सांसद संजय राउत ने दावा किया था कि बीजेपी के अंदर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को बदलने की बात चल रही है. राउत ने कहा कि राज्य की वर्तमान स्थिति ‘चिंताजनक’ है और राज्य सरकार इससे ‘निपटने में सक्षम नहीं है.’ ध्यान रहे की फडणवीस सरकार में शिवसेना अहम सहयोगी है.

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