मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने दिवंगत पिता बाल ठाकरे से किए गए वादे को याद किया. उन्होंने कहा कि वह एक ‘शिव सैनिक’ को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाएंगे. उद्धव का बयान बीजेपी के शीर्ष नेताओं के रुख के उल्ट है जो बार-बार वर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को दोबारा राज्य की कमान सौंपने पर जोर दे रहे हैं.
शिव सेना महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों में एनडीए की सत्ता में वापसी की सूरत में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर पेश कर रही है.
उद्धव ने उपनगरीय बांद्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं और टिकट मांगने वालों को संबोधित करते हुए कहा कि अमित शाह के साथ बातचीत अच्छी तरह आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय की घोषणा जल्द की जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक कौन कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगा, इस पर खींचतान बढ़ने और श्राद्ध पक्ष के चलते घोषणा में देरी हुई. कई लोग मानते हैं कि श्राद्ध पक्ष में नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए. श्राद्ध पक्ष 28 सितंबर को खत्म हो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बालासाहेब (शिवसेना के संस्थापक) ने वादा किया था कि मैं एक शिव सैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाऊंगा. मैं इस वादे को पूरा करने के लिए दृढ़संकल्प हूं.’’
उद्धव ने गठबंधन के बारे में कहा, ‘‘अगर बीजेपी के साथ समझौता होता है तो शिवसेना धोखा नहीं देगी. शिवसेना पीठ में छुरा नहीं घोंपती है. हम खुलकर विरोध करते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं महाराष्ट्र में सत्ता चाहता हूं, इसलिए मैंने सभी 288 सीटों से उम्मीदवारों को बुलाया है. मैं सभी सीटों पर शिवसेना को मजबूत करना चाहता हूं. अगर गठबंधन होता है तो बीजेपी जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, शिवसेना वहां उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी. जहां शिवसेना के उम्मीदवार लड़ेंगे, वहां बीजेपी का समर्थन हमेशा रहेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि जहां शिवसेना चुनाव लड़ेगी, उन सभी सीटों पर हमारी चुनावी तैयारी पूरी है.’’
बीजेपी और शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था. राज्य की कुल 260 सीटों में बीजेपी को सबसे अधिक 220 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना 63 सीटें जीतने में कामयाब रही. चुनाव के बाद दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई.
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