Uniform Civil Code Issue: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने लॉ कमीशन के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह करते हुए शुक्रवार (14 जुलाई) को कहा कि देशव्यापी अंतर-धार्मिक सहमति के बिना इसे लागू करना ‘‘संविधान की भावना का उल्लंघन’’ होगा. यह लोगों में भय और अविश्वास पैदा करेगा।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने 22वें विधि आयोग के सदस्य सचिव को भेजे एक पत्र में कहा, ‘‘एकरूपता को एकता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए. भारत विविधता में एकता का प्रतीक है, एकरूपता में नहीं. केवल एक सच्चा संघीय ढांचा ही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकता है और भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बना सकता है. '' उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट करके भी दी.
सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब का किया जिक्र ? सुखबीर बादल ने केंद्र से यूसीसी के विचार पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.
उन्होंने लेटर में कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि संवेदनशील सीमावर्ती राज्य पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव हमेशा सर्वोच्च राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए.''
सुखबीर सिंह बादल ने क्या दलील दी?सुखबीर बादल ने विधि आयोग को यह भी बताया कि पार्टी ने राज्य और बाहर के विभिन्न हितधारकों के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है. उन्होंने कहा, ‘‘ उसके आधार पर, हमें जो व्यापक धारणा मिली है वह यह है कि यूसीसी, यदि लागू होता है तो निश्चित रूप से यह विभिन्न जाति, पंथ और धर्मों के अल्पसंख्यक समुदायों की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा.
बता दें कि विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर जनता की प्रतिक्रियाएं आमंत्रित किये जाने की समय सीमा शुक्रवार को 28 जुलाई तक बढ़ा दी. आयोग ने यूसीसी पर संगठनों और जनता से 14 जून को प्रतिक्रियाएं आमंत्रित की थी. प्रतिक्रिया भेजने की एक महीने की समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई, जिसके बाद इसे बढ़ा दिया गया है.
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