तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली के दौरान शनिवार रात अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं. राज्य के पूर्व मंत्री और डीएमके नेता वी. सेंथिल बालाजी शनिवार रात करूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने हादसे की ताजा जानकारी साझा की. सेंथिल बालाजी ने बताया कि अब तक भगदड़ में 31 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 58 लोग घायल होकर अस्पतालों में भर्ती हैं. बालाजी ने आगे बताया कि फिलहाल 46 लोग प्राइवेट अस्पताल में और 12 लोग सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन खुद रविवार को करूर आने वाले हैं और स्थिति का जायजा लेंगे.  इतनी बड़ी घटना को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं. लोगों के मन में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इस रैली में भगदड़ क्यों और कैसे हुई?

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क्षमता से अधिक भीड़पुलिस सूत्रों के अनुसार, करूर में विजय की रैली में शुरुआती अनुमान से कहीं अधिक भीड़ उमड़ी. जहां प्रशासन ने लगभग 30,000 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी थी, वहीं स्थानीय रिपोर्टों में दावा किया गया कि करीब 60,000 लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए. आयोजन स्थल को पहले ही एक बार बदला जा चुका था. मूल रूप से यह रैली मध्य करूर में आयोजित की जानी थी, लेकिन पुलिस ने भीड़भाड़ और यातायात से जुड़े खतरों की चेतावनी दी थी, जिसके बाद इसे स्थानांतरित कर दिया गया था.

बिजली गुल होते ही अंधेरे में फैली दहशतरैली शाम करीब 7:20 बजे वेलुसामीपुरम में शुरू हुई थी. चश्मदीदों के अनुसार, विजय भाषण दे रहे थे तभी अचानक बिजली चली गई और पूरा मैदान अंधेरे में डूब गया. घनी भीड़ में अंधेरा फैलते ही अफरा-तफरी मच गई और लोग घबराकर भागने लगे. इसी दौरान कई लोग दबकर गिर पड़े और हादसा हो गया.

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भीड़भाड़ और वेंटिलेशन ने बढ़ाई परेशानीअधिकारियों का कहना है कि बिजली कटने के बाद भीड़ का दबाव और खराब वेंटिलेशन ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. हजारों की भीड़ एक साथ हरकत करने लगी, जिससे बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. कई लोग बेहोश हो गए, जिन्हें माता-पिता और स्वयंसेवक बाहर ले जाते देखे गए.

आपात सेवाओं के लिए रास्ता बनाना हुआ मुश्किलघटना के बाद करूर के पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों के लिए रास्ता बनाने में काफी दिक्कत हुई. अंततः रास्ता खोलकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. न्यूज एजेंसी 

प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रियामुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घटना पर दुख जताते हुए आपातकालीन प्रतिक्रिया के आदेश दिए. उनके निर्देश पर मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी और मा सुब्रमण्यम करूर पहुंचे और राहत व चिकित्सा कार्यों की निगरानी की. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने भी हालात की समीक्षा की.

सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवालबाद में बिजली बहाल होने के बाद भीड़ को तितर-बितर किया गया. लेकिन इस हादसे ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि इतने बड़े पैमाने पर आयोजित राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की पर्याप्त तैयारी क्यों नहीं की जाती. विजय की पार्टी तमिलनाडु वेत्री कझगम (टीवीके) की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.