महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में सेंट्रल रेलवे के एक सतर्क टिकट परीक्षक (TTE) ने AC लोकल ट्रेन में सफर कर रही एक महिला के पास से फर्जी सीजन टिकट पकड़ा. यह कार्रवाई बुधवार (26 नवंबर, 2025) को 10.02 बजे कल्याण-दादर AC लोकल ट्रेन में टिकट जांच के दौरान की गई.
जानकारी के अनुसार, ट्रैवेलिंग टिकट इंस्पेक्टर (TTE) विशाल नवले ने जांच के दौरान एक महिला यात्री की ओर से दिखाया गया UTS आधारित सीजन टिकट संदिग्ध पाया. यह टिकट अंबरनाथ से दादर के लिए था और इसकी वैधता 11 दिसंबर, 2025 तक बताई गई थी.
गहनता से जांच और पुष्टि के बाद स्पष्ट हो गया कि यह टिकट असली नहीं था, बल्कि पहले के एक एक्सपायर्ड टिकट से फर्जी तरीके से तैयार किया गया था. महिला की पहचान गुड़िया शर्मा के रूप में हुई, जिसे तुरंत GRP कल्याण के हवाले कर दिया गया.
BNS की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया मामला
जांच में यह भी सामने आया कि यह फर्जी टिकट उसके इस्तेमाल के लिए उसके पति ओमकार शर्मा ने तैयार किया था. सेंट्रल रेलवे की शिकायत के बाद पति और पत्नी दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराओं 318/4, 336/2, 336/3, 340 और 3/5 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
TTE की सतर्कता के लिए की गई सराहना
टिकट परीक्षक विशाल नवले की सतर्कता ने फर्जी टिकट तैयार करने वाले एक संभावित रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसकी आगे जांच जारी है. रेलवे अधिकारियों ने उनके जिम्मेदार व्यवहार की सराहना करते हुए कहा कि यह अन्य कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणादायी है.
रेलवे ने अपील करने के साथ यात्रियों की दी चेतावनी
सेंट्रल रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत माध्यमों जैसे स्टेशन टिकट काउंटर, एटीवीएम या मोबाइल UTS ऐप, से ही वैध टिकट लेकर यात्रा करें. रेलवे ने चेतावनी दी है कि फर्जी टिकट बनाने या इस्तेमाल करने वालों को 7 साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
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