Pradyot Bikram Profile: त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए एक महीने से भी कम समय बचा है. राजनीतिक घमासान के बीच यहां आदिवासी पहचान का दावा सुर्खियों में है. प्रद्योत बिक्रम की पार्टी टिपरा मोथा (TIPRA) को तुरुप का इक्का माना जा रहा है. यह ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग कर रही है. टिपरा मोथा का कहना है कि वह किसी भी उस पार्टी या गठबंधन का समर्थन करेगी जो उसकी मांगों से सहमत होगी. अब इसे रिझाने के लिए राष्ट्रीय पार्टियों में होड़ मची हुई है. 


त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत बिक्रम (Pradyot Bikram) भी अब इसे लेकर चर्चा में आ गए हैं. बीजेपी-आईपीएफटी और सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन की जंग के बीच प्रद्योत को किंगमेकर कहा जा रहा है. हालांकि, प्रद्योत ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का एलान किया हुआ है लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इसे अपने साथ लाने की जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं. 


कौन हैं प्रद्योत बिक्रम


प्रद्योत बिक्रम शाही घराने से ताल्लुक रखते हैं. वह टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख हैं. उनका जन्म नई दिल्ली में हुआ था और अब त्रिपुरा के अगरतला में हुआ था. उन्होंने द नॉर्थईस्ट टुडे के संपादक के रूप में भी काम किया है. उन्हें 'बुबाग्रा' के नाम से भी जाना जाता है. यहां उन्हें किंगमेकर इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि वह यहां स्वदेशी त्रिपुरी लोगों के अधिकारों के लिए सक्रिय आवाजे उठाते रहे हैं. 


किसे समर्थन देंगे प्रद्योत 


अब त्रिपुरा के राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठ रहा है कि अगर वह गठबंधन के लिए जाते हैं तो वह किस खेमे का समर्थन करेंगे. त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों में 16 फरवरी को मतदान होना है. इससे पहले सभी राजनीतिक दल जीत का परचम लहराने की लड़ाई में पीछे नहीं रहना चाहती हैं. एक पार्टी के रूप में अस्तित्व में आने के कुछ ही महीनों बाद, टिपरा मोथा ने 2021 त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) चुनाव जीता था. 


प्रद्योत सामाजिक कामों में रहे हैं आगे 


प्रद्योत के तमाम काम त्रिपुरा के स्वदेशी लोगों के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के इर्द-गिर्द घूमते हैं. एक युवा के रूप में प्रद्योत एक सक्रिय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ भी रह चुके हैं. उनके पिता किरीट बिक्रम देबबर्मा तीन बार के सांसद थे और उनकी मां बिभु कुमारी, दो बार कांग्रेस विधायक रही थीं. इन्होंने त्रिपुरा के राजस्व मंत्री के रूप में काम किया था. 


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