तीन तलाक बिल: जानिए- तीन संशोधनों के साथ नया कानून पुराने से कितना कमजोर हो जाएगा
एबीपी न्यूज | 10 Aug 2018 08:57 AM (IST)
पहला संशोधन ये कि अगर कोई पति अपनी पत्नी को एक साथ तीन तलाक देता है और रिश्ता पूरी तरह से खत्म कर लेता है तो उस सूरत में एफआईआर सिर्फ पीड़ित पत्नी, उसके खूनी और करीबी रिश्तेदार की तरफ से ही की जा सकती है.
नई दिल्ली: आज राज्यसभा में संशोधित तीन तलाक बिल पेश किया जाएगा. कैबिनेट ने इस बिल में तीन संशोधनों को मंजूरी दी है. पहला संशोधन ये कि अगर कोई पति अपनी पत्नी को एक साथ तीन तलाक देता है और रिश्ता पूरी तरह से खत्म कर लेता है तो उस सूरत में एफआईआर सिर्फ पीड़ित पत्नी, उसके खूनी और करीबी रिश्तेदार की तरफ से ही की जा सकती है. पहले ये था कि तीन तलाक देने के बाद किसी की तरफ से भी एफआईआर दर्ज हो सकती थी. दसूरा संशोधन ये किया गया है कि पति - पत्नी तलाक के बाद अपने झगड़े को खत्म करने के लिए सुलह - समझौता पर राजी हो जाते हैं तो पत्नी की बात सुनने के बाद मजिस्ट्रेट शर्तों के साथ दोनों के बीच सुलह - समझौता पर मुहर लगा सकता है और इसके साथ ही पति को जमानत पर रिहा कर सकता है. पहले सुलह समझौता और जमानत मुमकिन नहीं था. तीन तलाक बिल में संशोधन को कैबिनेट की मंजूरी, मामलों में जमानत दे सकता है मजिस्ट्रेट तीसरा संशोधन ये हुआ है कि तलाक देने के बाद पति को तीन सालों के लिए जेल की सजा होगी और गैर जमानती सजा होगी, लेकिन मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अख्तियार होगा. पहले मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार नहीं था. आपको बता दें कि कल ही केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक बिल में संशोधन को मंजूरी दे दी थी, जिसका एलान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया था. याद रहे कि दिसंबर 2017 में तीन तलाक बिल लोकसभा में सात घंटे की बहस के बाद पास किया गया था, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के विरोध की वजह से पास नहीं हो सका, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इन तीन संशोधनों के साथ ये बिल पास हो जाएगा. क्योंकि कांग्रेस ने बीते दिनों कहा था कि अगर बीजेपी संशोधन के साथ बिल पेश करती है तो पार्टी बिल के साथ होगी. मॉनसून सत्र का आखिरी दिन, चर्चा के लिए राज्यसभा में आएगा तीन तलाक बिल, हंगामे के आसार