Waqf Amendment: तृणमूल कांग्रेस के सीनियर नेता सौगत रॉय ने मंगलवार (25 मार्च) को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग की. उनका कहना था कि इस विधेयक की वजह से मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उन्होंने ये विषय शून्यकाल के दौरान उठाया और कहा कि इस विधेयक के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है.
रॉय ने ये भी बताया कि एक मुस्लिम संगठन ने बिहार के मुख्यमंत्री के इफ्तार का बहिष्कार करने का फैसला किया है. उनके मुताबिक ये विधेयक मुस्लिमों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और इस पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए. तृणमूल सांसद ने सदन में ये बात भी उठाई कि वक्फ विधेयक के खिलाफ लगातार विरोध हो रहा है और इस विधेयक को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
संसद में वक्फ विधेयक पर विवाद
वहीं आसन पर मौजूद जगदंबिका पाल ने सौगत रॉय के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वक्फ विधेयक अभी सदन में पेश ही नहीं किया गया है तो इस पर चर्चा कैसे हो सकती है. उन्होंने ये भी कहा कि समाचार पत्रों की खबरों के आधार पर रॉय को अपनी बात नहीं रखनी चाहिए. पाल ने इसे एक गलत जानकारी बताया और विधेयक पर किसी तरह की चर्चा को नकारा.
नई श्रम संहिता पर तृणमूल कांग्रेस का दबाव
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की दूसरी सांसद सयानी घोष ने शून्यकाल में नई श्रम संहिता पर चर्चा की. उन्होंने सरकार से ये मांग की कि श्रम संहिता को पूरी तरह से लागू किया जाए और सप्ताह में पहले से तय कामकाजी घंटों पर कड़ी नजर रखी जाए. उनका कहना था कि ये सुनिश्चित किया जाए कि कामकाजी घंटों में बढ़ोतरी न हो और श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो.