मॉर्डन तेजस की तरह के डिब्बों वाली राजधानी ट्रेनों में यात्रा करने पर यात्रियों को ज्यादा खर्च करना होगा. दरअसल भारतीय रेलवे ने दिल्ली-अगरतला तेजस-राजधानी ट्रेन के बेस फेयर में 5% की बढ़ोतरी कर दी है. इस ट्रेन का परिचालन फरवरी में शुरू किया गया था.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी राजधानी ट्रेनें धीरे-धीरे तेजस-राजधानी ट्रेनें बन जाएंगी और बढ़ा हुआ बेस फेयर फ्लेक्सी किराया के अलावा और भी बढ़ जाएगा.


500 तेजस की तरह के स्लीपर कोच मैन्यूफैक्चर किए जाएंगे


फरवरी में, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने कहा था कि 2021-22 में 500 ऐसे तेजस की तरह के स्लीपर कोच, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और मॉर्डन कोच फैक्ट्री में मैन्यूफैक्चर के जाएंगे जो धीरे-धीरे प्रीमियम लंबी दूरी की ट्रेनों को बदल देंगे.एक अधिकारी ने पुष्टि की कि इन ट्रेनों में सभी क्लासेस में बेस किराया में वृद्धि तभी प्रभावी होगी जब तेजस रेक को शामिल किया जाएगा. बता दें कि वर्तमान में, 25 जोड़ी राजधानी ट्रेनें नई दिल्ली को विभिन्न राज्यों की राजधानियों से जोड़ते हुए पूरे देश में संचालित की जा रही हैं.


यात्रियों को दी जाएंगी कई सुविधाएं.


वहीं बेस किराया बढ़ाने के पीछे वजह ये बताई जा रही है कि यात्रियों को तेजस की तरह के डिब्बों जैसी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें ऑटोमैटिक प्लग दरवाजे शामिल हैं. ट्रेन तब तक नहीं चलेगी जब तक सभी दरवाजे बंद न हो जाएं. इन कोचों में बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स होंगे और एयर सस्पेंशन बोगी में आराम और सवारी की गुणवत्ता में सुधार होगा.


इन स्मार्ट कोचों की कुछ अन्य विशेषताओं में मेडिकल या सुरक्षा कारणों, पीयू फोम वाली सीटों और बर्थों के लिए इमरजेंसी टॉक बैक शामिल हैं जो यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करते हैं. प्रत्येक यात्री के लिए मोबाइल चार्जिंग पॉइंट और बर्थ रीडिंग लाइट भी हैं.


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