रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (17 दिसंबर, 2025) को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्पष्ट किया है कि ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए मुफ्त में सामान ले जाने की अधिकतम सीमा तय है, जिसका पालन किया जा रहा है.

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सांसद प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेल यात्रियों के लिए मौजूदा बैगेज नियम के मुताबिक ट्रेन की हर श्रेणी के यात्रियों के लिए सामान ले जाने का वर्गीकरण मौजूद है. 

यानी अगर यात्री एसी फर्स्ट क्लास से सफर कर रहा है तो वह 150 किलोग्राम की अधिकतम सीमा तक ही सामान ले जा सकेगा, हालांकि मुफ्त भत्ते में कुल 70 किलोग्राम ही सामान ले जा सकेगा. इसके अलावा अगर यात्री फर्स्ट क्लास / एसी 2 टियर के सफर कर रहा है तो सामान ले जाने की अधिकतम सीमा 100 किलोग्राम है, जबकि मुफ्त भत्ता 50 किलोग्राम ही सामान ले जाने की अनुमति है.

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AC थ्री टियर में कितना सामान फ्री ले जा सकते हैं?

इसी तरह से अगर यात्री एसी 3 टियर / एसी चेयर कार में सफर कर रहा है तो सामान ले जाने की अधिकतम सीमा 40 किलोग्राम है जबकि मुफ्त भत्ता में 40 किलोग्राम ही ले जाने की इजाजत है. जबकि अगर यात्री स्लीपर क्लास से सफर कर रहा है तो सामान ले जाने की अधिकतम सीमा 80 किलोग्राम है और मुफ्त भत्ता 40 किलोग्राम तक ले जाया जा सकता है. 

इसी तरह अगर यात्री सेकंड क्लास से सफर कर रहा है तो लगेज की अधिकतम सीमा 70 किलोग्राम है जबकि मुफ्त भत्ता में 35 किलोग्राम तक ले जाने की अनुमति है. 

रेल मंत्री ने ये भी बताया कि अधिकतम सीमा में मुफ्त भत्ता शामिल है. यदि कोई यात्री मुफ्त भत्ते से ज्यादा सामान ले जाना चाहता है तो वह निर्धारित शुल्क (लगेज दर का 1.5 गुना) देकर अधिकतम सीमा तक सामान अपने साथ डिब्बे में लेकर जा सकता है.

सामान को लेकर क्या है रेलवे का नियम? 

इसके अलावा रेल मंत्री ने ये सामान के आकार को लेकर बनाए नियम को भी स्पष्ट किया है, जिसके मुताबिक यात्री अपने साथ केवल वही ट्रंक, सूटकेस या बॉक्स अपने कोच में साथ ले जा सकते हैं जिनका आकार 100 सेमी × 60 सेमी × 25 सेमी (लंबाई × चौड़ाई × ऊंचाई) से ज्यादा न हो.

रेल मंत्री ने ये भी बताया है कि अगर किसी यात्री के सामान का साइज इससे ज्यादा है तो ऐसे सामान को यात्री डिब्बे में ले जाने की इजाजत नहीं होगी और उसे ब्रेक वैन (SLR) या पार्सल वैन में बुक कराना ज़रूरी होगा. इसके अलावा, किसी भी तरह का व्यापारिक या मर्चेंडाइज सामान पर्सनल लगेज के रूप में डिब्बे में ले जाने की इजाजत भी नहीं है.

यानी मतलब साफ है कि फिलहाल यात्रियों के लिए सामान के भार की अनुमति में न तो कोई बढ़ोतरी और न ही कोई कटौती प्रस्तावित है. लगेज को लेकर रेलवे के मौजूदा नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे.