केंद्र सरकार का संचार साथी ऐप अब मोबाइल में प्री इंस्टॉल होगा. इसकी घोषणा के बाद आम लोगों की प्राइवेसी को लेकर चिंताएं सामने आने लगी हैं. दिल्ली और देश में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के पास संचार साथी ऐप को लेकर लेकर अनेक शिकायतें आई हैं. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि संचार साथी ऐप को लेकर कई व्यापारियों, मोबाइल से जुड़ी एसोसिएशन और आम लोगों ने भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. 

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'प्राइवेसी के लिहाज से गलत कदम'उन्होंने कहा कि इस आदेश के बाद एक सरकारी ऐप बिना इजाजत के हमारे फोन में घुस जाएगा. फोन पर हम जिस तरह से बात करते हैं, उसके जरिए हमारे निजी प्राइवेसी का हनन तो होगा ही इसके साथ ही अगर सरकार चाहे तो हमें ट्रैक भी कर सकती है. इसके अलावा खतरा यह भी है कि जिन निजी फोटो , वीडियो और हेल्थ रिकॉर्ड जैसी चीजों का एक्सेस आप किसी को भी नहीं देना चाहते, वह भी सरकार के पास चला जाएगा. इसलिए प्राइवेसी के लिहाज से सरकार का यह कदम गलत है. सरकार एक ऐप जबरन लोगों के फोन में घुसा रही है. दिल्ली में अनेकों व्यापारियों ने सीटीआई से संपर्क किया है और चिंता व्यक्त की है.

'व्यापारियों की डील सार्वजनिक होने का खतरा'व्यापारियों का कहना है कि वो किस व्यापारी और कंपनी से अपना व्यापारिक लेनदेन करते हैं. ये एकदम  गुप्त विषय होता है. संचार साथी ऐप के बाद तो व्यापारियों के व्यापार की प्राइवेसी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.  सरकार ने DPDP एक्ट ( डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन अधिनियम 2023)  के तहत डाटा प्रोटक्शन रेगुलेशन से खुद को अलग रखा है. यानी सरकार पर डाटा कलेक्शन की कोई रोक नहीं होगी.

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'आसानी से हो सकता है ऐप हैक'बृजेश गोयल ने बताया कि मान लें बाहर देश का कोई व्यक्ति भारत के लोगों के डाटा को हैक करना चाहता है, तो उसे बस एक ही ऐप में सेंध लगानी होगी. इतिहास भी बताता है कि सरकारी वेबसाइट की लचर सुरक्षा व्यवस्था किसी से भी छुपी नहीं है. इसको लेकर CTI ने केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखकर इस ऐप की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है.

'सरकार ने सभी मोबाइल में किया ऐप जरूरी'गौरतलब है कि सरकार ने संचार साथी ऐप जारी किया है, जिससे जब आप फोन खरीदने जाएंगे, तो उसमें एक ऐप पहले से ही इंस्टॉल मिलेगा. सरकार ने फोन कंपनियों को 90 दिन में संचार साथी ऐप को प्री इंस्टॉल करने के निर्देश दिए हैं.  इसके अलावा जो फोन पहले से ही बिक्री के लिए मौजूद है, उनमें भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी ऐप इंस्टॉल किया जाएगा.