नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस को लिखी चिट्ठी में कांग्रेस ने दलील दी है कि उसने फर्जी टूलकिट मामले में 18 मई को दिल्ली पुलिस के समक्ष शिकायत दी थी. लेकिन केंद्र सरकार के दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं की गई. इसके बाद 22 मई को कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस से अपनी शिकायत वापस लेते हुए अनुरोध किया था कि इस मामले को छत्तीसगढ़ पुलिस को स्थानांतरित कर दिया जाए. क्योंकि दिल्ली में एफआईआर दर्ज होने में देरी के बाद कांग्रेस ने 19 मई को छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज कराई थी. 


कांग्रेस के मुताबिक 22 मई को छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिल्ली पुलिस को इस मामले से जुड़ी सामग्री भेजने के लिए चिट्ठी भी लिख चुकी है. कांग्रेस रिसर्च विभाग के प्रमुख राजीव गौड़ा और सोशल मीडिया विभाग के प्रमुख रोहन गुप्ता की तरफ से वकील अमन पवार ने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस को ध्यान दिलाया है कि एक ही मामले की दूसरी एफआईआर नहीं हो सकती. चूंकि छत्तीसगढ़ पुलिस टूलकिट मामले में एफआईआर दर्ज कर चुकी है. ऐसे में दिल्ली पुलिस को जांच करने का अधिकार नहीं है.  


छत्तीसगढ़ पुलिस आरोपी बीजेपी नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस भी दे चुकी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की तरफ से की जा रही कथित प्राथमिक जांच बीजेपी और मोदी सरकार के इशारे पर की जा रही है, जो सीधे तौर पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग है. क्योंकि इस जांच को एफआईआर में नहीं बदला जा सकता. 


कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी बीजेपी नेताओं के इशारे पर और केंद्रीय गृह मंत्रालय के दबाव में दिल्ली पुलिस गैरकानूनी रूप से थर्ड पार्टी (ट्विटर) और मीडिया को भ्रमित कर रही है.