नई दिल्लीः कल यानी 9 अगस्त को सावन मास की शिवरात्रि है और देश भर के मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक कर उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी. इस सावन की शिवरात्रि का अपना ही महत्व है क्योंकि सावन का महीना भगवान शंकर की आराधना करने के लिए प्रमुख माना जाता है. इस पूरे महीने श्रद्धालु भोले बाबा की आराधना करते हैं. इस महीने में खासकर कांवड़ यात्रा का भी खासा महत्व है और उत्तर भारत में विशेष तौर पर कांवड़िए हरिद्वार से जल लाकर भगवान शिव के मंदिर में उनको जलार्पण करते हैं.
देशभर के मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा और दूध का भी अपर्ण किया जाता है. इसी के साथ धतूरा, भांग, बेलपत्र और फल भी शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं. सावन के महीने के बारे में मान्यता है कि इस महीने में विधि-विधान से भगवान शिव की उपासना की जाए तो मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सावन की शिवरात्रि के दिन लोग व्रतोपसाना कर भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं और रात को फलाहार कर व्रत को पूर्ण करते हैं.
इस बार सावन का महीना 28 जुलाई से शुरू हुआ था और सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ा था. सावन का महीना 26 अगस्त रक्षाबंधन के दिन खत्म होगा और इस बार सावन के महीने का आखिरी सोमवार 20 अगस्त को होगा.
सावन के सोमवार का भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए विशेष महत्व माना जाता है. माना जाता है कि कन्याएं और महिलाएं इन दिनों में भगवान शिव जैसा वर पाने और भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए विशेष व्रत रखती हैं.
तस्वीरों में: सावन के पहले सोमवार पर शिवमंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़