कोलकाता: शुभेन्दु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद बुधवार को कांथी में तृणमूल कांग्रेस ने की रैली. इस रैली में फिर से शुभेन्दु अधिकारी को ‘विश्वासघाती’ कहकर टीएमसी ने हमला बोला. टीएमसी सांसद सौगात रॉय ने कहा कि कांथी में किसी की जमींदारी नहीं चलेगी.


सौगात रॉय ने कहा, “कांथी के एक सपूत का नाम लिखा रहेगा विश्वासघाती के रूप में. सिराज हार गए थे, लोगों ने उनको याद रखा है आखरी नवाब के रूप में मीर जाफ़र से लोग नफरत करते हैं. बच्चों का नाम लोग सिराज रखते है, मीरज़ाफर नहीं. शुभेन्दु विश्वासघातियों में से एक है.”


बता दें कि टीएमसी ने कुछ दिन पहले सौगात रॉय को ही शुभेन्दु के साथ बात करके उनको मनाने का ज़िम्मा सौंपी था. वही सौगात अब शुभेन्दु पर हमला बोल रहे हैं. काथी को शुभेन्दु का गढ़ माना जाता है. अब टीएमसी शुभेन्दु को उनके गढ़ में हराने की तैयारी कर रही है. सौगात रॉय ने ये भी याद दिलाने की कौशिश की कि 2001 और 2004 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में शुभेन्दु अधिकारी को हार का सामना करना पड़ा था.


दो दिनों पहले शुभेन्दु अधिकारी ने बर्धमान के छतनी की रैली में कहा था, “1998 में अगर बीजेपी ने टीएमसी का साथ नहीं दिया होता तो 2001 तक टीएमसी पार्टी ही खत्म हो चुकी होती. उन्होंने कहा था कि तब अगर पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी टीएमसी का साथ नहीं देते तो ये पार्टी 2001 तक ही ख़त्म हो जाती. इस बात को कोई मना नहीं कर सकता है."


मिदनापुर की रैली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ शुभेन्दु अधिकारी की मौजूदगी पर सभी ने गौर किया था. शुभेन्दु ने जब अमित शाह के पैर छूए तो उन्होंने गले लगाया. इसपर भी बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने शुभेन्दु को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, “अमित शाह का पैर पकड़कर क्या कहा? मुझे थोड़ी जगह दीजिए? शर्म आती है कि आप सहकर्मी थे.”


इन सबके बीच बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राम नगर में बुधवार को टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई. बीजेपी के कई कार्यकर्ता घायल भी हुए. उत्तर 24 परगना के खरदाह में बीजेपी समर्थक जब पुलिस स्टेशन के बाहर एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार करने का विरोध जता रहे थे तभी वहां पुलिस ने लाठीचार्ज की. इसमें कई कार्यकर्ता घायल हुए. बीजेपी बार-बार ये कह रही है कि टीएमसी ही उनकी आवाज़ दबाने के लिए ऐसे हिंसा फैला रही है.


वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्यसभा के सांसद विवेक गुप्ता ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि टीएमसी के सत्ता में आने के बाद पिछले दस सालों में हिंसा कम हुई है. बीजेपी ही चुनाव से पहले हिंसा बढ़ाने की कोशिश में जुटी है.


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