बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखित शिकायत सौंपकर सदन के अंदर कथित तौर पर ई-सिगरेट पीने वाले एक तृणमूल कांग्रेस सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने गुरुवार को लोकसभा में टीएमसी सांसद का नाम लिए बिना यह मुद्दा उठाया था.

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ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा, 'तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद को सदन की कार्यवाही के दौरान खुलेआम इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का इस्तेमाल करते हुए देखा गया.' उन्होंने यह भी कहा कि सदन में मौजूद कई सदस्यों को यह कृत्य '‘स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था.'

बीजेपी सांसद ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के पवित्र स्थान लोकसभा के भीतर प्रतिबंधित पदार्थ और निषिद्ध उपकरण का 'खुलेआम उपयोग'’ न केवल संसदीय मर्यादा और अनुशासन का घोर उल्लंघन है, बल्कि संसद द्वारा बनाये गये कानूनों के तहत एक संज्ञेय अपराध भी है.

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उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार और संसद ने तंबाकू और निकोटीन उत्पादों के सभी रूपों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, इस तरह का आचरण न केवल सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि एक बेहद गलत मिसाल भी कायम करता है और देश के युवाओं को एक खतरनाक संदेश देता है.

भाजपा सांसद ने अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा, 'इसलिए, मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि आप नियमों और कानून के इस गंभीर उल्लंघन का तत्काल संज्ञान लें एवं सदन की उचित समिति या प्रणाली के माध्यम से घटना की जांच का निर्देश दें.'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अध्यक्ष से अनुरोध किया, 'कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और इसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए, ताकि सदन की गरिमा और मर्यादा बनी रहे.'

बिरला ने गुरुवार को लोकसभा में ठाकुर द्वारा यह मुद्दा उठाने पर कहा था कि यदि इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज की जाती है तो वह कार्रवाई करेंगे. देश में कुछ साल पहले ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.

टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने सदन में यह मुद्दा उठाकर लोकसभा का समय बर्बाद किया. आजाद ने ठाकुर की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर संसद परिसर में पत्रकारों से कहा, 'अगर आप किसी सांसद या पार्टी के खिलाफ कोई आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराते हैं तो उसे साबित करना होगा. लोकसभा के नियम-कानून होते हैं. वह (ठाकुर) केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. क्या उन्हें नियम-कानून की जानकारी नहीं है, तो आरोप लगा रहे हैं. इसे साबित करना होगा.'

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'अगर मैं अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसदों पर सरकारी कामों में 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाऊं, तो मुझे इसे साबित करने के लिए सबूत पेश करने होंगे. मुझे पता है कि वे कमीशन लेते हैं, लेकिन मेरे पास कोई सबूत नहीं है. फिर मैं क्या करूं?'