TMC MP Convoy Attack: तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेन के काफिले पर रविवार को उस वक्त हमला हो गया जब वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया टाउन में तिरंगा फहराने गई थी. इस दौरान उनके काफिले की गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा और तस्वीरों में शीशे टूटे हुए दिखाई दे रहे हैं.


समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा- “कुछ टीएमसी नेताओं के साथ मैं दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया और सबरूम में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने गई थी कि उस वक्त हमला हो गया. पुलिस वहां पर मूकदर्शक बनी रही.”






इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता ब्रात्य बसु ने त्रिपुरा में विपक्षी माकपा की भाजपा की ‘‘आतंक फैलाने की राज्य प्रायोजित युक्ति’’ के विरोध में कथित रूप से सड़कों पर नहीं उतरने और पार्टी समर्थकों की रक्षा नहीं करने को लेकर आलोचना करते हुए वामपंथी समर्थकों से ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने की शनिवार को अपील की.


वर्ष 2018 में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा सत्ता से बेदखल होने से पहले 25 साल तक राज्य पर शासन कर चुके माकपा ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि उसके कार्यकर्ता और नेताओं ने भाजपा पार्टी के हमले का सबसे पहले सामना किया है. पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ तृणमूल नेता उत्तर-पूर्वी राज्य का दौरा कर रहे हैं जहां 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं.


पश्चिम बंगाल में मंत्री बसु ने कहा, ‘‘जब भाजपा ने त्रिपुरा में आतंक फैलाना शुरू किया है, तो मुख्य विपक्षी दल माकपा के नेता विरोध करने के लिए सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं। अगर नेता समर्थकों के साथ खड़े नहीं होते हैं तो उन्हें हमारी पार्टी में शामिल हो जाना चाहिए.’’ बसु ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माकपा को तृणमूल कांग्रेस का विरोध करके भाजपा की मदद नहीं करनी चाहिए.


बसु ने आरोप लगाया कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आतंक फैलाये जाने के बाद राज्य के लोग आश्रय तलाश रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं के कथित हमले में घायल हुए लोगों सहित तृणमूल के कम से कम 14 नेताओं और कार्यकर्ताओं को 8 अगस्त को ‘‘कोविड मानदंडों का उल्लंघन’’ करने के आरोप में त्रिपुरा में गिरफ्तार किया गया था.


बसु ने कहा, ‘‘हम पर भाजपा के प्रश्रय प्राप्त गुंडों द्वारा हमला किया गया और हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया गया लेकिन हम डरे नहीं. यह एक राज्य प्रायोजित भय उत्पन्न करने की रणनीति है, लेकिन हम इसका सामना करना जानते हैं. ममता दी (बनर्जी) हमारे साथ हैं. अगर आपके (माकपा कार्यकर्ता) नेता आपको सुरक्षा नहीं दे रहे हैं तो तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाएं.’’


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