नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजनीतिक लड़ाई अब दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग तक भी पहुंच गई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को पहले टीएमसी और फिर बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात की. दोनों ही दलों ने इस मुलाकात के दौरान 10 मार्च को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ घटी घटना का जिक्र किया. मुलाकात के दौरान टीएमसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अलग अलग नेताओं के बयानों की शिकायत की और सीएम ममता बनर्जी की जान को खतरा बताया तो वहीं बीजेपी ने 10 मार्च को हुई घटना का वीडियो सार्वजनिक करने की मांग की.

केंद्रीय चुनाव आयोग से हुई मुलाकात के दौरान टीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने ममता के साथ घटी घटना को लेकर बीजेपी और पीएम के बयान को जिम्मेदार ठहराया. टीएमसी के प्रतिनिधि मंडल ने पीएम मोदी के ब्रिगेड मैदान की रैली में दिए गए उस बयान का भी ज़िक्र किया, जिसमें पीएम ने कहा था कि "लेकिन जब स्कूटी ने नन्दीग्राम में गिरना तय किया है तो हम क्या करें" टीएमसी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग के फैसले पर भी सवाल उठाए, जिसमें आयोग ने डीजीपी का तबादला किया था.

टीएमसी के बाद बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने भी केंद्रीय चुनाव आयोग से मुलाकात की और इस मुलाकात के दौरान नंदीग्राम की सीट पर स्पेशल ऑबज़र्वर की नियुक्ति करने की मांग की. बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने इसके साथ ही 10 मार्च को ममता बनर्जी के साथ घटी घटना से जुड़ी चुनाव आयोग के पास जो भी रिकॉर्डिग है, उसे सार्वजनिक करने की मांग की. बीजेपी की तरफ से कहा गया कि ममता बनर्जी के साथ 10 मार्च को जो घटना घटी उस दौरान वो नामांकन के बाद रैली निकालती हुईं वापस जा रही थीं.

नियमों के साथ से जब भी नामांकन करने के दौरान कोई नेता रैली निकालता है, तो चुनाव आयोग का कैमरा भी उसकी रिकॉर्डिंग करता है, ऐसे में अगर केंद्रीय चुनाव आयोग के पास उस दिन की रिकॉर्डिंग है, तो उसको सार्वजनिक किया जाना चाहिए, जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

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