नई दिल्ली: 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्रचीर से लगभग 82 मिनट का भाषण दिया. इस भाषण में प्रधानमंत्री ने देश की जनता को अपने चार साल के कामकाज का लेखा-जोखा दिया. उन्होंने अपने चार साल के काम की गति की तुलना यूपीए-2 सरकार के आखिरी साल 2013 से की. उन्होंने कहा कि आज देश अर्थव्यस्था के पायदान पर 6 वें नंबर पर है. दुनिया भी मान रही है भारत 'एक सोया हुआ हाथी था जो अब जाग गया है'. उन्होंने आगे कहा कि चार सालों में वो काम किया गया जो पुरानी सरकारों की स्पीड में किया जाता तो दशकों का समय लग जाता. प्रधानमंत्री के इस भाषण पर राजनितिक प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरु हो गई है.

कांग्रेस के दिग्गज नेता शिवराज पाटिल ने इस भाषण पर कहा कि चार सालों में काम हुआ तो अच्छी बात है लेकिन पहले के योगदान को कैसे नकारा जा सकता है.

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा, ''चुनावी भाषण था और आखिरी भाषण था. 2019 में बीजेपी का नेता झंडा नहीं फहराएगा.''

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ल ने कहा, ''कोई मोदी जी बात पर यकीन करेगा क्या?''

कांग्रेस नेता दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा ने कहा, ''दूसरे देशों से संबंधों पर कुछ नहीं बोले. सरकार हर मोर्चे पर विफल है.''

कांग्रेस ने मोदी के भाषण को ‘खोखला’ करार देते हुए कहा कि बेहतर होता, अगर मोदी अपने इस ‘आखिरी भाषण’ में राफेल, अर्थव्यवस्था की स्थिति और नफरत के महौल पर सच बोलते. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को राफेल और कुछ अन्य मुद्दों पर बहस करने की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को राफेल पर बहस की चुनौती दी है. हम चाहते हैं कि मोदी जी राहुल गांधी की चुनौती करें. वह राफेल, व्यापम, भ्रष्टाचार, किसान एवं रोजगार, देश में फैली अफरा-तफरी, गिरती अर्थव्यवस्था पर और नफरत के माहौल पर बहस करें.’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता दिवस का मोदी जी का आखिरी भाषण खोखला साबित हुआ. प्रधानमंत्री न राफेल पर बोले, न व्यापम पर बोले, न छत्तीसगढ़ के पीडीएस घोटाले पर बोले. देश में नफरत का माहौल फैलाया जा रहा है, उस पर भी वह कुछ नहीं बोले. चीन और पाकिस्तान आंखे दिखा रहे हैं, इस पर वह कुछ नहीं बोले.’’ उन्होंने कहा, ‘‘काश, मोदी जी अपने भाषण में सच्चाई बोल पाते. इस देश में अच्छे दिन आए नहीं, लेकिन देश को सच्चे दिन का इंतजार है. ये सच्चे दिन उस वक्त आएंगे जब मोदी जी जाएंगे.’’ पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें

प्रधानमंत्री ने 2013 से अपनी सराकर के विकास कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि अगर 2013 की गति से विकास होता तो कई कामों में दशकों लग जाते. उन्होंन कहा, ''जिस रफ्तार से 2013 में गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम चल रहा था, उस रफ्तार से देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने में कई पीढ़ियां गुजर जातीं. जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता. देश की अपेक्षाएं और आवश्यकताएं बहुत हैं, उसे पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निरंतर प्रयास करना है.''

लाल किले से प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का भी एलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''मैं आज इस मंच से मेरी कुछ बहादुर बेटियों को खुशखबरी देना चाहता हूं. भारतीय सशक्त सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन के जरिए नियुक्त महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्ष अधिकारियों की तरह पारदर्शी प्रक्रिया द्वारा स्थायी कमीशन देने की घोषणा करता हूं.'

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलयान और अंतरिक्ष क्षेत्र की अन्य उपलब्धियों का जिक्र करते हुए देश के वैज्ञानिकों की तारीफ की. उन्होंने कहा, ''कौन इस बात पर आश्चर्य नहीं करेगा कि हमारे वैज्ञानिकों ने एक साथ सौ सेटेलाइट लॉन्च किए? आज लाल किले की प्राचीर से मैं देशवासियों को खुशखबरी सुनाना चाहता हूं. हमारा देश अंतरिक्ष की दुनिया में प्रगति करता रहा है. हमने सपना देखा है कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर या उससे पहले मां भारत की कोई संतान, चाहे बेटा हो या बेटी, वह अंतरिक्ष में जाएगा. हाथ में तिरंगा लेकर जाएगा. आजादी के 75 साल से पहले इस सपने को पूरा करना है. भारत के वैज्ञानिकों ने मंगलयान से लेकर अब तक ताकत का जो परिचय कराया है. जब हमारा यान हिंदुस्तानी लेकर जाएगा, तब अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाले विश्व के चौथे देश बन जाएंगे.''

प्रधानमंत्री ने लाल किले से आयुष्मान योजना का एलान किया, उन्होंने कहा कि 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती आयोग्य अभियान की शुरुआत की जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा, "आयुष्मान योजना स्कीम में पहले 10 करोड़ गरीब परिवारों को शामिल किया जाएगा. इसके बाद उच्च मध्यम वर्ग और मध्यमवर्ग का भी लाभ मिलेगा. पांच लाख रुपए सालाना इलाज के खर्च की सुविधा हम देने वाले हैं. किसी भी व्यक्ति को यह सुविधा पाने में दिक्कत ना हो, इसलिए टेक्नोलॉजी की भूमिका महत्वपूर्ण है. टेस्टिंग शुरू हो रही है. योजना को फुलप्रूफ बनाने की कोशिश हो रही है. 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर यह अभियान शुरू कर दिया जाएगा."

तीन तलाक पर इशारों में विपक्ष को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''मुस्लिम महिलाओं से मैं अाज लाल किले से कहना चाहता हूं कि तीन तलाक से उन्हें मुक्ति दिलानी है. इस संसद सत्र में भी हमने तीन तलाक बिल का मुद्दा उठाया है. अभी भी कुछ लोग हैं जो इसे पारित नहीं होने देना चाहते. मैं मुस्लिम महिलाओं को भरोसा दिलाता हूं कि आपको न्याय दिलाने के लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा.''