हैदराबाद: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव राम माधव ने असम के एनआरसी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा और संबंधित लोगों को अपनी नागरिकता सिद्ध करने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे.
उन्होंने दावा कि किसी भी सांप्रदायिक समूह को परेशान करने या किसी के खिलाफ किसी भी विरोधाभास के साथ यह प्रयास नहीं किए जा रहे. उन्होंने कहा, ‘‘असम और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हम कड़े निर्णय लेने को तैयार हैं...लेकिन किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा.’’ माधव ने कहा कि पीड़ित लोगों के पास ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट जाने का विकल्प भी मौजूद है.
क्या है NRC असम से जुड़ा नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजन (एनआरसी) वो दस्तावेज है जिसमें असम के सभी असली नागरिकों का रिकॉर्ड है. इसका सबसे ताज़ा आंकड़ा 30 जुलाई 2018 को यानी आज पब्लिश किया गया है. एनआरसी को नागरिकता से जुड़े 2003 के नियम (नागरिकों का पंजीकरण और उनको पहचान पत्र जारी किया जाना) के तहत अपडेट किया जा रहा है.
साल 2015 में 3.29 करोड़ लोगों ने 6.63 करोड़ दस्तावेजों के साथ एनआरसी में अपना नाम शामिल करवाने के लिए आवेदन किया था. इनमें से 2.89 करोड़ को नागरिकता दी गई है. वहीं, 40 लाख के करीब लोग इसमें अपना नाम शामिल नहीं करवा पाए हैं. इस लिस्ट की बड़ी बात ये है कि ये राज्य के हर नागरिक तक पहुंचा है. वहीं इसके सहारे सरकार को ये पता चला है कि कौन भारत का नागरिक है और कौन अवैध तरीके से भारत में रह रहा है. ये सारी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी की गई है. देश का सबसे बड़ा कोर्ट लगातार इसकी मॉनिटरिंग करता रहा है.घंटी बजाओ: ऑपरेशन एयर ट्रैफिक कंट्रोल