सेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने बुधवार को कहा कि भारतीय बलों और चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के बीच लद्दाख में गतिरोध के बाद से पूर्वी कमान की जिम्मेदारी के अधीन आने वाले इलाके में घुसपैठ या किसी बड़ी झड़प की कोई घटना नहीं हुई है.


चौहान ने कहा कि गलवान घाटी की घटना के बाद से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सौहार्द्र और आपसी भरोसा समाप्त हो गया है और चीजों को स्थिर होने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और पीएलए ने लद्दाख संकट के दौरान एहतियातन कुछ बलों की तैनाती की थी, जिसमें सर्दियां शुरू होने के बाद पूर्वी सेक्टर में लगातार कमी आ रही है.


भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार


चौहान ने विजय दिवस पर यहां ‘फोर्ट विलियम’ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘बहरहाल, भारतीय सेना सर्दियों में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.’’ उन्होंने कहा कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी लेकिन दोनों देशों आपसी भाईचारा बनाए रखने की ज़रूरत है. उन्होंने साथ ही कहा कि अगर चीन की सेना आगे बढ़कर प्रोटोकॉल तोड़ती है तो भारतीय सेना भी पीछे नहीं रहेगी. बता दें कि इससे पहले चीन के साथ हुई झड़प में कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे.


देशभर में आज मनाया जा रहा विजय दिवस 


गौरतलब है कि देशभर में आज विजय दिवस मनाया जा रहा है. साल 1971 में भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में हराया था. इसके बाद से ही इस दिन को 'विजय दिवस' के रूप में मनाया जाने लगा. इस जीत के बाद ही बांग्लादेश भी स्वतंत्र देश बन पाया था. विजय दिवस के मौके पर पीएम सहित देश के कई बड़ी हस्तियों ने युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है.


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