निर्भया केस के आखिरी आरोपी की दया याचिका को राष्ट्रपति ने किया खारिज, अभी भी बचा है एक विकल्प
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया केस के आखिरी आरोपी की भी दया याचिका खारिज कर दी है.वहीं आरोपी पवन के पास अभी भी एक विकल्प बचा हुआ है.

नई दिल्ली: निर्भया के आरोपियों को फांसी दिए जाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. निर्भया के आरोपियों में से अंतिम दया याचिका पवन गुप्ता की थी. जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया है. अब इन चारों को मार्च महीने में फांसी पर लटकाया जा सकता है.
राष्ट्रपति ने इस दया याचिका को खारिज कर वापस गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है. जहां से अब दिल्ली सरकार से होती हुई यह याचिका केंद्रीय कारागार तिहाड़ तक पहुंचेगी. तिहाड़ जेल इस दया याचिका के खारिज होने के बाद एक बार फिर अब पटियाला हाउस कोर्ट का रुख करेगी और कोर्ट से चारों आरोपियों की नए ब्लैक वारंट की मांग करेगी.
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह निर्भया के आरोपी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी. आरोपी पवन गुप्ता के पास आखिरी विकल्प के तौर पर बचा है कि वह राष्ट्रपति द्वारा खारिज की गई दया याचिका के खिलाफ एक बार पुनः कोर्ट में जाए और वहां इस खारिज याचिका के खिलाफ गुहार करे.
अभी तक तीनों मामलों में देखा गया है कि निर्भया के आरोपी जब भी दया याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं तो वहां से उनका अंतिम विकल्प भी खारिज कर दिया गया है यानी कुल मिलाकर अब यह कहा जा सकता है कि निर्भया के आरोपियों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और मार्च महीने में उन्हें फांसी दी जा सकती है
उधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी फांसी दिए जाने की अपनी तैयारियां पूरी की है. जेल नंबर तीन स्थित फांसी घर में फांसी कई बार हो चुकी है. तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक जैसे ही पटियाला हाउस कोर्ट फांसी का नया ब्लैक वारंट जारी करेगी उसके बाद आरोपियों को फांसी होगी. इसके बाद कोर्ट द्वारा दी गई नियत तिथि पर उन चारों को फांसी पर लटका दिया जाएगा.
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