नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने 2022 तक नई दिल्ली के रायसीना हिल्स पर स्थित नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के अलावा संसद भवन समेत कई भवनों का नए सिरे से निर्माण का फ़ैसला किया है. दिल्ली में स्थित देश के संसद की इमारत की तस्वीर सभी देशवासियों के दिलो दिमाग में छपी हुई है. बड़े बड़े खम्भे वाले इस गोलाकार भवन की पूरी दुनिया में प्रसिद्धि है लेकिन अब इसका आकार बदलने वाला है.

तिकोना होगा नया संसद भवन

चौंकिए मत! मोदी सरकार ने जिस नए संसद भवन का निर्माण कराने का फ़ैसला किया है उसका आकार गोल या अंडाकार नहीं, बल्कि तिकोना होगा. एबीपी न्यूज़ को मिली एक्सक्लुसिव जानकारी के मुताबिक, नए संसद का जो डिजाइन तैयार किया गया है उसका आकार तीन दिशाओं में बनाया गया है. हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई कि भवन का आकार तिकोना करने की वजह क्या है?

सेंट्रल हॉल भी नहीं होगा नए भवन में

जानकारी के मुताबिक़ जो नया भवन बनाए जाने की योजना है उसमें पुराने भवन की तरह सेंट्रल हॉल नहीं बनाया जाएगा. वर्तमान के सेंट्रल हॉल को संसद भवन का दिल कहा जाता है जहां न केवल दोनों सदनों के सांसद आकर मिलते जुलते हैं बल्कि प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधि भी रहते हैं और विचारों का आदान प्रदान होगा. सेंट्रल हॉल वही जगह है जिसमें हर वर्ष राष्ट्रपति आकार दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधन करते हैं. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देश की स्वतंत्रता के अवसर पर सेंट्रल हॉल में ही ऐतिहासिक भाषण दिया था. सूत्रों के मुताबिक़, नया भवन बनने के बाद राष्ट्रपति का वार्षिक सम्बोधन नए भवन के लोकसभा में होगा.

आज के संसद भवन प्रांगण में ही होगा नया भवन

संसद का नया भवन वर्तमान संसद भवन प्रांगण में ही बनाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़, संसद भवन प्रांगण में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पीछे नए संसद भवन के लिए जमीन आवंटित किया गया है. नया भवन बनने के बाद आज के संसद भवन को संग्रहालय के रूप में बदल दिया जाएगा. नए संसद भवन निर्माण के बारे में इसके कॉन्ट्रेक्टर ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई संसदीय कमिटी में एक प्रेजेंटेशन दिया. कमिटी की बैठक में नए भवन के निर्माण में होने वाले ख़र्चे को लेकर कुछ संसद सदस्यों ने सवाल भी उठाए.