नई दिल्ली: झारखंड में विधानसभा चुनाव के रुझान आना शुरू हुए हैं. बीजेपी और जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हुई है. हालांकि रुझानों में कभी बीजेपी आगे है कभी जेएमएम का गठबंधन आगे है. ऐसी सूरत में जीवीएम के बाबूलाल मरांडी और आजसू के सुदेश महतो की भूमिका बेहद अहम हो गई है. सभी की नजरें इन्हीं दोनों दलों पर टिकी हुई हैं.

सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन अपने पुराने साथी और दोस्त आजसू के नेता सुदेश महतो के लगातार संपर्क में हैं. वहीं लोकसभा चुनाव में महागठबंधन बनाने वाली जेवीएम के बाबूलाल मरांडी से भी संपर्क में हैं. वहीं दूसरी और बीजेपी के बड़े नेता भी जेवीएम के बाबूलाल मरांडी और आजसू के सुदेश महतो के संपर्क में हैं. जाहिर सी बात है राज्य में जिस तरह के रुझान अभी दिखाई दे रहे हैं ऐसी सूरत में जेवीएम के बाबूलाल मरांडी और आजसू के सुदेश महतो की भूमिका बेहद अहम हो गई है.

बाबूलाल मरांडी पहले बीजेपी में रहते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं. विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति नहीं बनने के कारण उन्होंने अकेले चुनाव लड़ना तय किया था. हालांकि दोनों ही दलों के लोग एक दूसरे के लगातार संपर्क में हैं और सत्ता के सिंहासन पर पहुंचने की चाबी अब जेवीएम के बाबूलाल मरांडी और आजसू के सुदेश महतो के हाथ में दिखाई दे रही है.

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