चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में बुधवार को हंगामे के बीच विपक्षी दल द्रमुक के कई सदस्यों को सदन से बाहर निकाल दिया गया. अनुमित नहीं मिलने के बावजूद वे सभी अन्नाद्रमुक विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाने पर जोर दे रहे थे.
विपक्ष के नेता एम के स्टालिन की मांग पर अध्यक्ष पी धनपाल ने यह कहते हुए चर्चा की अनुमति नहीं दी कि एक निजी टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर उठाया गया मामला अभी न्यायाधीन है.
सदन की कार्यवाही सुगमता से चलने देने की बार बार अपील का असर नहीं पड़ने के बाद उन्होंने सभी द्रमुक सदस्यों को बाहर करने का आदेश दिया.
इससे पहले तीन सप्ताह तक चलने वाले विधानसभा सत्र का हंगामेदार आगाज हुआ. द्रमुक ने कथित खरीद-फरोख्त के मुद्दे को उठाने की अनुमति मांगी.
वे लोग 18 फरवरी को मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की तरफ से विश्वासमत हासिल किए जाने से पहले अन्नाद्रमुक विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मुद्दा उठाने का प्रयास कर रहे थे.
विधानसभाध्यक्ष पी धनपाल ने कहा कि मामला अदालत में लंबित है और उसपर चर्चा नहीं हो सकती है. लेकिन विपक्षी दल मामले पर चर्चा के लिए अड़ा रहा जिसके कारण विपक्ष के नेता एम के स्टालिन सहित अन्य विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया.
सदन से बाहर निकाले जाने के बाद स्टालिन और द्रमुक के अन्य विधायकों ने राज्य सचिवालय के बाहर सड़क अवरूद्ध कर दिया. विधानसभा सचिवालय परिसर में ही स्थित है. स्टालिन ने विधायकों की कथित खरीद फरोख्त पर अन्नाद्रमुक सरकार को बर्खास्त करने की मांग की.