Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में बीते दिनों आतंकियों ने तीन अलग-अलग घरों को निशाना बनाते हुए 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. इस दौरान एक शख्स ने राइफल की मदद से अपनी जान बचायी थी. 


42 साल के बाल कृष्ण ने बताया कि वो डांगरी चौक पर कपड़े की दुकान का मालिक है. वो दुकान बंद कर के अपने घर लौटा था कि तभी उसने कुछ गोलियों की आवाज सुनी. उन्होंने बताया, "मैंने गोलियों की आवाज सुनी और अपनी राइफल निकालकर घर के बाहर आया. मैंने दो बदूंकधारियों को घर के पास देखा और इन्हें देख मैंने दो राउंड फायरिंग की जिससे वो घबरा कर पास के जंगल में चले गए."


बाल कृष्ण ने बताया, गोली चलाने से दोनों बंदूकधारी जंगल में भाग गए जिसके बाद ग्रामीणों ने घरों से निकल कर घायलों की मदद की.


90 कारतूस रखे हैं....


बाल कृष्ण बोले कि मैंने दूसरी बार अपनी राइफल का इस्तेमाल किया है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 1998-99 में सेना द्वारा आयोजित एक शस्त्र प्रशिक्षण शिविर में उन्हें और वीडीसी के अन्य सदस्यों को बंदूकें दी थीं. 


उन्होंने कहा, हमें 100 राउंड कारतूस दिए गए. ट्रेनिंग कैंप में मैंने 10 राउंट का इस्तेमाल किया और 90 मेरे पास रखी थीं. वहीं, लाइसेंस ना होने के चलते पिछले 24 साल से ये घर पर ऐसे ही पड़ी हुई है.


लाइसेंस के लिए जमा किया था पासपोर्ट फोटो


बाल कृष्ण ने बताया कि 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद अपने चरम पर था. क्षेत्र की सुरक्षा के तौर पर 10 जिलों में वीडीसी स्थापित किए गए. वहीं, साल 2002 के बाद से हथियारों के दुरुपयोग की बात छिड़ी और वीडीसी को भंग कर सदस्यों से हथियार वापस करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.


उन्होंने बताया कि डांगरी में शांति बने होने पर कुछ साल पहले जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि 60 साल से उपर के लोग अपने हथियार वापस कर दें. मेरी उम्र कम थी इसलिए पुलिस ने पासपोर्ट फोटो जमा करने को कहा जिससे बंदूक का लाइसेंस जारी हो सके.


कभी नहीं सोचा...


बाल कृष्ण ने कहा कि, अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिल सका है. हालांकि, कुछ समय पहले पुलिस ने बंदूक के साथ थाने आने को कहा था. उसकी जांच करने के बाद मुझे बंदूक वापस कर दी. बाल कृष्ण बोले, मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये इसकी मदद से मैं कभी अपनी जान बचा सकूंगा.


कदम नहीं उठाते तो... - सरपंच


वहीं, पुलिस और डांगरी पंचायत के सरपंच दर्शन शर्मा ने कहा कि, अगर बाल कृष्ण इस तरह का कदम नहीं उठाते तो पूरी संभावना है कि उनके साथ भी अप्रिय घटना हो जाती. दरअसल, इस घटना में 4 की मौत और 6 लोग घायल हो गए थे.


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