United Nations Headquarters: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक खुली बहस के दौरान चीन और उसके करीबी सहयोगी पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला किया. एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बुधवार (14 दिसंबर) को कहा कि आतंकवाद को उचित ठहराने और साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
यूएनएससी में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई दिशा’ विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करते हुए जयशंकर ने यह भी कहा कि संघर्ष ने ऐसी स्थिति बना दी है कि बहुपक्षीय मंच पर चलताऊ रवैया नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की चुनौती पर, दुनिया अधिक एकजुट प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है, लेकिन साजिशकर्ताओं को उचित ठहराने और बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
"ध्यान भटकाने के प्रयास किए गए"
जयशंकर परोक्ष रूप से चीन का जिक्र कर रहे थे, जिसने पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के लिए कई मौकों पर भारत और अमेरिका के प्रयासों को बाधित किया. विदेश मंत्री ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय की बात आती है तो स्थिति बेहतर नहीं है. जयशंकर ने कहा कि संबंधित मुद्दों को उचित मंच पर संबोधित करने के बजाय, हमने ध्यान भटकाने और भ्रमित करने के प्रयास देखें हैं.
"ईमानदार बातचीत के लिए बुलाई गई बैठक"
विदेश मंत्री ने कहा कि हमने बहुपक्षीय संस्थानों की स्थापना के 75 से अधिक वर्षों के बाद उनकी प्रभावशीलता के बारे में एक ईमानदार बातचीत के लिए आज यहां बैठक बुलाई है. हमारे सामने सवाल यह है कि उनमें सुधार कैसे किया जा सकता है क्योंकि प्रत्येक गुजरते साल के साथ इसकी जरूरत बढ़ती जा रही है.
उन्होंने कहा कि संघर्ष की स्थितियों के प्रभावों ने अधिक व्यापक वैश्विक शासन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है. खाद्य, उर्वरक और ईंधन सुरक्षा पर हाल की चिंताओं को निर्णय लेने की उच्चतम परिषदों में पर्याप्त रूप से व्यक्त नहीं किया गया था. इसलिए दुनिया के अधिकांश भाग का मानना है कि उनके हित मायने नहीं रखते. हम इसे दोबारा नहीं होने दे सकते.
"विश्व के सामने हैं ये चुनौतियां"
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है. इसको लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आज विश्व हिंसा, शस्त्र संघर्ष और मानवीय आपात स्थिति का सामना कर रहा है तो महात्मा गांधी के आदर्श विश्व में शांति और स्थिरता स्थापित करने में हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं. एस. जयशंकर ने कहा कि इस बहस का परिणाम ये तय करेगा कि हम किस प्रकार का संयुक्त राष्ट्र देखना चाहते हैं और साथ ही हमें यह बताएगा कि ये वैश्विक व्यवस्था समकालीन वास्तविकताओं को सर्वोत्तम रूप से दर्शाती है.
"ज्यादातर देश आतंकवाद की चुनौती पर दे रहे प्रतिक्रिया"
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि ज्यादातर देश सामने आकर आतंकवाद की चुनौती पर सामूहिक प्रतिक्रिया दे रहे हैं, लेकिन पक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके माध्यम से अपराधियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है. बता दें कि चीन ने इसी साल पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ भारत के प्रस्तावों पर रोक लगाई थी. इसमें साजिद मीर, अब्दुल रऊफ, अब्दुल मक्की, शाहिद महमूद जैसे कुख्यात आतंकवादी शामिल हैं.
डॉ. एस जयशंकर मंगलवार को यूएनएससी में भारत की वर्तमान अध्यक्षता के तहत आतंकवाद और सुधारित बहुपक्षवाद पर दो कार्यक्रमों का नेतृत्व करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे थे. 15 सदस्यीय यूएनएससी के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल इस महीने समाप्त हो जाएगा.
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