मुंबई: महाराष्ट्र के किसानों के लिए अच्छे दिन की शुरुआत हो गई है. कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को दस हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान किया है. ये मदद जरूरतमंद किसानों को खेती के लिए दी जाएगी. महाराष्ट्र कैबिनेट ने किसानों की कर्ज माफी पर भी आखिरी मुहर लगा दी है.


बैंकों के जरिए दी जाएगी किसानों को आर्थिक मदद


महाराष्ट्र के आंदोलनकारी किसानों की मांगों को महाराष्ट्र कैबिनेट ने औपचारिक मंजूरी दे दी. हालांकि रविवार को ही उनकी मांगों को मानने का एलान कर दिया था. फडणवीस कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए एक और खुशखबरी आई. महाराष्ट्र के जरूरतमंद किसानों को तुरंत 10 हजार रूपये की आर्थिक मदद बैंकों के जरिए दी जाएगी. ये रकम मानसून सीजन में बुआई के लिए दी जाएगी. शिवसेना के मंत्री दिवाकर राउते ने कैबिनेट में ये मुद्दा उठाया था जिसे मान लिया गया.


किसानों को फसल बोने के लिए मिलेंगे दस हजार


महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने कहा, ‘’बारिश शुरू होने के कारण इस सीजन के लिए किसानों को बीज, खाद और कीटनाशक के लिए जो पैसा लगता है वो भी एनपीए होने के कारण उनको नहीं मिलेगा तो दिक्कत होगी और फिर साहूकार के पास जाएगा. इसीलिए छोटे किसानों को दस हजार या पांच हजार रुपये लगते हैं अगर ये अमाउंट चाहता है तो बैंक उसे दे और बैंक को सरकार गारंटी देगी.’’



किसानों को ये 10 हजार रुपये लौटाने भी होंगे. दो महीने के अंदर जरूरतमंद किसानों का कर्ज माफी हो जाएगा. उसके बाद किसान जो नया कर्ज लेगा उसमें से दस हजार रुपये कम कर दिए जाएंगे.


कैबिनेट की मुहर से किसान खुश


दस दिनों तक चले महाराष्ट्र किसान आंदोलन की नींव अहमदनगर के पुणतांबा गांव से ही पड़ी थी. किसानों की मांग पर कैबिनेट की मुहर से यहां के किसान खुश हैं. किसानों ने फडणवीस सरकार को 26 जुलाई तक का अल्टीमेट दिया था, लेकिन सरकार का दावा है कि वो 26 जुलाई से पहले किसानों का कर्ज माफ कर देगी.



किसानों ने अपनी मांगों को लेकर किया था प्रदर्शन


महाराष्ट्र में एक जून से 11 जून तक किसानों ने आंदोलन किया था. किसान कर्ज माफी और उपज की लागत से 50 फीसदी ज्यादा मांग रहे थे. वहीं दूध उत्पादक 50 रुपए प्रति लीटर की मांग कर रहे थे. किसानों के इस आंदोलन के बाद  महाराष्ट्र सरकार ने एलान किया था कि वह पांच एकड़ खेती वाले किसानों के सारे कर्ज माफ कर देगी. वहीं, दूध उत्पादकों को कीमत देने के लिए 20 जुलाई तक दूध पॉलिसी लाई जाएगी. बता दें कि राज्य में कुल एक करोड़ 34 लाख किसान हैं. राज्य में छोटे किसानों की संख्या एक करोड़ सात लाख है.