भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) के एक निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने वाले स्थल का दौरा नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की आलोचना की.

एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह जाने के बाद परियोजना पर काम कर रहे आठ श्रमिक सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं. सेना, नौसेना, ‘रैट माइनर्स’ और एनडीआरएफ के दल फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.

सुरंग ढहने की घटना से निपटने में सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए केटी रामा राव (जिन्हें केटीआर के नाम से भी जाना जाता है) ने पीटीआई वीडियो से कहा, 'उसने जीएसआई या किसी अन्य अभियांत्रिकी विभाग से उचित परामर्श किए बिना ही बिना सोचे-समझे काम शुरू कर दिया. इसके परिणामस्वरूप, आज हमने वहां फंसे आठ लोगों की जान को खतरे में डाल दिया है. कोई नहीं जानता कि वे जीवित हैं या उनकी मौत हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार और दिल्ली यात्राओं में व्यस्त हैं. उन्होंने घटनास्थल का दौरा नहीं किया. इससे उनकी ईमानदारी और गंभीरता का पता चलता है.'

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ ने केटीआर की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 22 फरवरी को खबर आने के बाद से ही मुख्यमंत्री लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.

गौड़ ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने बचाव कार्यों की निगरानी के लिए तुरंत दो मंत्रियों को तैनात किया. वह हर समय बचाव गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं. सफलता पाने और लोगों की जान बचाने के लिए दूसरे राज्यों और यहां तक ​​कि विदेशों से भी विशेषज्ञों को बुलाकर प्रयास किए जा रहे हैं.’’

केटीआर ने एसएलबीसी सुरंग ढहने की घटना की न्यायिक जांच किसी मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने और जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार पिछली सरकार पर आरोप लगाकर आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई है.

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